Moral Story: राजकुमारियों का पाठ

एक समय की बात है जब कमल, कैटी और कोमल नाम की तीन सुंदर राजकुमारियाँ रहती थीं। कमल तीन साल की थी, कैटी पांच वर्ष की और कोमल 8 साल की थी। वह राजमहल में बहुत सारे सेवक, नौकर, बावर्ची और अलग अलग लोगों के साथ रहती थीं।

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राजकुमारियों का पाठ

Moral Story राजकुमारियों का पाठ:- एक समय की बात है जब कमल, कैटी और कोमल नाम की तीन सुंदर राजकुमारियाँ रहती थीं। कमल तीन साल की थी, कैटी पांच वर्ष की और कोमल 8 साल की थी। वह राजमहल में बहुत सारे सेवक, नौकर, बावर्ची और अलग अलग लोगों के साथ रहती थीं। लेकिन राजकुमारियाँ इन सभी के साथ गुलामों की तरह व्यवहार नहीं करती थीं बल्कि वह इन लोगों को प्यार और इज्ज़त के साथ बुलाती थीं। (Moral Stories | Stories) राजकुमारियों की माँ का नाम कामिनी था, वह बहुत नेक थी और उसने अपनी बेटियों को लोगों के साथ प्यार और इज्ज़त से रहना सिखाया था। उनकी माँ के बहुत लंबे बाल थे। राजकुमारियों के पिता का नाम कपिल था। उसने अपनी तीनों बेटियों को अच्छे बच्चों की तरह रहना सिखाया था। वह खुद भी बहुत अच्छे आदमी थे। उन तीनों का एक अध्यापक भी था जिसका नाम कृष था, उसके हल्के भूरे रंग के बाल थे और वह सुंदर भी था। एक सुबह सेवक एक बुरी खबर लेकर महल में आया। उसने बताया कि राजकुमारियों की नानी काफी बीमार हैं। यह खबर सुनकर राजकुमारियों के माता पिता महल छोड़कर उनकी नानी से मिलने चले गए। वह राजकुमारियों को उनके चाचा के पास छोड़कर चले गए। उनके चाचा बहुत मतलबी थे। राजकुमारियों के अलावा उनके व्यवहार से राजमहल में हर कोई दुखी रहता था। एक दिन चाचा ने बावर्ची को खाने में राजमा और चावल बनाने के लिए कहा। (Moral Stories | Stories) थोड़े समय बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया लेकिन बावर्ची को उसके बारे में नहीं बताया। अब बावर्ची उनके दिमाग को तो पढ़ नहीं सकता था इसलिए उसने वही बनाया जो उसे पहले बनाने के लिए कहा गया था। जब चाचा ने राजमा और चावल बने देखे तो वह बावर्ची को डांटने फटकारने लग गए। तभी कोमल ने बावर्ची को धीरज रखने के लिए कहा जिससे बावर्ची का मन ठीक हुआ। चाचा को छोड़़कर सभी ने बावर्ची द्वारा बना हुआ खाना खाया जो सभी को बहुत स्वादिष्ट लगा। (Moral Stories | Stories)

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उसके बाद सेवक हमेशा की तरह सबके सोने के लिए इंतज़ाम कर रहा था, तभी चाचा आकर उससे पूछताछ करने लगे। उन्हें सेवक का काम पसंद नहीं आया और वह सेवक पर चिल्ला पड़े जिससे सेवक को बहुत बुरा लगा। कोमल ने इस दृष्य को देखा और जब उसके चाचा वहाँ से चले गए तो उसने सेवक को कहा कि सब ठीक हो जाएगा। कोमल की बात सुनकर सेवक को अच्छा लगा। कोमल के चाचा ने महल के हर इंसान के साथ बुरा व्यवहार किया। एक दिन रात के खाने के बाद कोमल ने यह सारी बातें अपनी दोनों बहनों को बताई। राजकुमारियों ने अपने वृक्ष घर में मिलने का फैसला किया ताकि वह अपने चाचा को सबक सीखाने और उनको दूसरो की इज्ज़त करने के बारे में कुछ सोच सकें। राजकुमारियों ने सोचा कि वह अपने चाचा से इतने प्यार से व्यवहार करेंगी जिससे उन्हें एक अच्छा सबक सीखने को मिलेगा। (Moral Stories | Stories) सबसे पहले नाश्ता करते समय उन तीनों ने बावर्ची को कहा, ‘शुक्रिया! हमें स्वादिष्ट नाश्ता देने के लिए। यह बहुत अच्छा है।’जब उनके चाचा ने अपनी भतीजियों का इतना नम्र व्यवहार देखा तो उन्हें अपने व्यवहार पर शर्म महसूस हुई कि उन्होंने कभी सेवकों से इतनी विनम्रता से बात नहीं की। उस दिन के बाद से राजकुमारियों ने अपने प्रिय सेवकों की मदद करने का फैसला किया। यह देखकर उनके चाचा बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने गुस्से में लड़कियों को पूरा दिन अपने कमरे में रहने का आदेश दिया। वह नहीं चाहते थे कि राजकुमारियाँ सेवकों का काम करें। गुस्साए चाचा अपने कमरे में गए और वहां वह सोचने लगे कि आज तक उन्होंने बावर्ची, सेवकों और नौकरों से कितनी बुरी तरह व्यवहार किया है। उन्होंने अपनी भतीजियों को दुखी करने के बारे में भी सोचा कि किस तरह से उन्होंने उन्हें फटकारा और उनका दिल दुखाया। (Moral Stories | Stories)

जब चाचा लड़कियों के बारे में सोच रहे थे, उस समय लड़कियों को उम्मीद थी कि शायद उनके चाचा ने कोई सबक सीखा हो...

जब चाचा लड़कियों के बारे में सोच रहे थे, उस समय लड़कियों को उम्मीद थी कि शायद उनके चाचा ने कोई सबक सीखा हो। जब चाचा ने सोचने में अपना समय लिया, तब उन्होंने लड़कियों को बात करने के लिए उनके कमरे से बाहर बुलाया। चाचा ने कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों से मैं मूर्ख की तरह व्यवहार कर रहा था, मैं सेवकों, बावर्ची और नौकरों पर बेवजह चिल्ला रहा था। मैंने राजमहल में किसी से ढंग से बात नहीं की। तुम तीनों को हर किसी के साथ इतने प्यार से बात करते हुए देख मुझे खुद पर बहुत शर्म महसूस हुई। तुम तीनों ने मुझे दूसरों से विनम्रता से बात करना सिखा दिया है, मैं तुम तीनों का इतना ज़रूरी पाठ पढ़ाने के लिए शुक्रिया करता हूँ और मैंने जो तुम लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया उसके लिए मुझे माफ कर देना।’लड़कियों ने अपने चाचा का शुक्रिया किया और उन्हें बहुत खुशी महसूस हुई कि उन तीनों ने अपने चाचा को अच्छा पाठ सिखाया। अगले दिन सुरक्षाकर्मी संदेश लेकर आया कि राजकुमारियों के माता पिता कुछ दिनों में वापिस लौट रहे हैं और उनकी नानी पहले से बहुत बेहतर हैं। इसके बाद जितने भी दिन उनके चाचा उन तीनों के साथ रहे उन्होंने सभी के साथ अच्छा व्यवहार किया। राजकुमारियों के माता पिता को उनके चाचा के बुरे व्यवहार के बारे में कभी पता नहीं लगा। (Moral Stories | Stories)

सीख: इस कहानी से सबक मिलता है कि अच्छे व्यवहार और विनम्रता से किसी को भी बदला जा सकता है। (Moral Stories | Stories)

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