Moral Story: कहाँ गयी तीसरी बकरी रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5वीं स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, ‘‘दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?’’ By Lotpot 25 Jan 2024 in Stories Moral Stories New Update कहाँ गयी तीसरी बकरी Moral Story कहाँ गयी तीसरी बकरी:- रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5वीं स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, ‘‘दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है।’’ “बताओ-बताओ, क्या आईडिया है?’’ रोहित ने एक्साईटेड होते हुए पूछा। (Moral Stories | Stories) मोहित- ‘‘वो देखो, सामने तीन बकरियां चर रही हैं।’’ रोहित- ‘‘तो! इनसे हमे क्या लेना-देना है?’’ (Moral Stories | Stories) मोहित- "हम आज सबसे अंत में स्कूल से निकलेंगे और जाने से पहले इन बकरियों को पकड़ कर स्कूल में छोड़ देंगे, कल जब स्कूल खुलेगा तब सभी इन्हें खोजने में अपना समय बर्बाद करेंगे और हमें पढाई नहीं करनी पड़ेगी।’’ रोहित- ‘‘पर इतनी बड़ी बकरियां खोजना कोई कठिन काम थोड़े ही है, कुछ ही समय में ये मिल जायेंगी और फिर सबकुछ नार्मल हो जाएगा।’’ मोहित- ‘‘हाहाहा, यही तो बात है, वे बकरियां आसानी से नहीं ढूंढ पायेंगे, बस तुम देखते जाओ मैं क्या करता हूँ।’’ (Moral Stories | Stories) इसके बाद दोनों दोस्त छुट्टी के बाद भी पढ़ाई के बहाने अपने क्लास में बैठे रहे और जब सभी लोग... इसके बाद दोनों दोस्त छुट्टी के बाद भी पढ़ाई के बहाने अपने क्लास में बैठे रहे और जब सभी लोग चले गए तो ये तीनो बकरियों को पकड़ कर क्लास के अन्दर ले आये। अन्दर लाकर दोनों दोस्तों ने बकरियों की पीठ पर काले रंग का गोला बना दिया। इसके बाद मोहित बोला, ‘‘अब मैं इन बकरियों पे नंबर डाल देता हूँ। और उसने सफेद रंग से नंबर लिखने शुरू किये:- पहली बकरी पर नंबर 1 दूसरी पर नंबर 2 और तीसरी पर नंबर 4 “ये क्या? तुमने तीसरी बकरी पर नंबर 4 क्यों डाल दिया?” रोहित ने आश्चर्य से पूछा। (Moral Stories | Stories) मोहित हंसते हुए बोला, “दोस्त यही तो मेरा आईडिया है, अब कल देखना सभी तीसरे नंबर की बकरी ढूँढने में पूरा दिन निकाल देंगे, और वो कभी मिलेगी ही नहीं।’’ अगले दिन दोनों दोस्त समय से कुछ पहले ही स्कूल पहुँच गए। (Moral Stories | Stories) थोड़ी ही देर में स्कूल के अन्दर बकरियों के होने का शोर मच गया। कोई चिल्ला रहा था, ‘‘चार बकरियां हैं, पहले, दूसरे और चैथे नंबर की बकरियां तो आसानी से मिल गयीं। बस तीसरे नंबर वाली को ढूँढना बाकी है।’’ स्कूल का सारा स्टाफ तीसरे नंबर की बकरी ढूंढने में लगा गया। एक-एक क्लास में टीचर गए अच्छे से तालाशी ली। कुछ खोजू वीर स्कूल की छतों पर भी बकरी ढूंढते देखे गए। कई सीनियर बच्चों को भी इस काम में लगा दिया गया। तीसरी बकरी ढूँढने का बहुत प्रयास किया गया। पर बकरी तब तो मिलती जब वो होती, बकरी तो थी ही नहीं। आज सभी परेशान थे पर रोहित और मोहित इतने खुश पहले कभी नहीं हुए थे। (Moral Stories | Stories) दोस्तों, इस कहानी को पढ़कर चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आना स्वाभाविक है। पर इस मुस्कान के साथ-साथ हमें इसमें छिपे सन्देश को भी जरूर समझना चाहिए। तीसरी बकरी, दरअसल वो चीजें हैं जिन्हें खोजने के लिए हम बेचैन हैं पर वो हमें कभी मिलती ही नहीं। क्योंकि वे असल ज़िंदगी में होती ही नहीं। (Moral Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | moral-stories-for-kids | kids-hindi-moral-stories | hindi-kids-stories | hindi-moral-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-khaanii | chottii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii यह भी पढ़ें:- Moral Story: अच्छे काम का पुरस्कार Moral Story: इसे बेचना नहीं Moral Story: खुद को पहचानो Moral Story: पिंजरे से आज़ाद हुई चिड़िया #Moral Stories for Kids #lotpot E-Comics #छोटी कहानी #छोटी कहानियाँ #Short Hindi Stories #Hindi Moral Stories #Kids Hindi Moral Stories #Hindi Kids Stories #लोटपोट #बाल कहानी #हिंदी बाल कहानी #Hindi Bal kahania #Kids Stories #hindi short Stories #short stories #Bal kahani #लोटपोट इ-कॉमिक्स #छोटी हिंदी कहानी #Lotpot You May Also like Read the Next Article