Motivational Story: घबराओ मत एक दिन मैं रेल में सफर कर रहा था जब किशोरों का एक समूह गाड़ी में सवार हो गया। जल्दी ही पूरा डिब्बा हंसी और खुशी की किलकारियों से भर गया और मैं भी इसका आंनद लेने लगा जब अचानक ही मौत जैसी चुप्पी पसर गई। By Lotpot 26 Dec 2023 in Stories Motivational Stories New Update घबराओ मत Motivational Story घबराओ मत:- एक दिन मैं रेल में सफर कर रहा था जब किशोरों का एक समूह गाड़ी में सवार हो गया। जल्दी ही पूरा डिब्बा हंसी और खुशी की किलकारियों से भर गया और मैं भी इसका आंनद लेने लगा जब अचानक ही मौत जैसी चुप्पी पसर गई। मैंने गर्दन घुमाई तो क्या देखता हूँ कि वे सभी के सभी किशोर रैक में पडे कुछ सामान को भयभीत नज़रों से देख रहे हैं। मैंने पूछा, ‘‘क्या बात है।?’’ (Motivational Stories | Stories) ‘‘लगता है यह कोई बम है, ‘‘उनमें से एक किशोर ने कहा और तत्काल अपना सैल फोन निकाल कर अगले स्टेशन पर किसी को फोन लगाया। स्टेशन आते ही गाड़ी रूकी और एक कांस्टेबल स्टेशन मास्टर के साथ डिब्बे में दाखिल हुआ और उस पार्सल को उठाकर ले गया। ‘‘इस लड़के का बाप रेलवे में है। जरा कल्पना करें कि इस पार्सल को न उठाया जाता तो क्या हो सकता था!’’ एक अन्य किशोर ने कानाफूसी करते हुए कहा। मैंने भी सहमति में सिर हिलाया और देखा कि हर किसी के चेहरे पर राहत दिखाई दे रही है। लेकिन शेष सफर के दौरान कोई हंसी मजाक और किलकारी सुनाई नहीं दी। (Motivational Stories | Stories) लगभग एक महीना पहले मैं एक पुराना स्टेशन देखने गया जो अंग्रेजों ने बनाया था... लगभग एक महीना पहले मैं एक पुराना स्टेशन देखने गया जो अंग्रेजों ने बनाया था। जब मैं 2 प्लेटफार्मो को जोड़ने वाले लकड़ी के पुल के ऊपर से गुज़र रहा था तब मैंने अचानक नीचे देखा और मुस्कुराया। मेरे पैरों तले लकड़ी के पुराने शहतीर थे और उनके बीच की दरारों से मैं रेलवे ट्रैक और उन पर गुजर रही रेलगाड़ियों को देख सकता था। मैं बचपन की यादों में खो गया, जब मैं नन्हा-मुन्ना था और इस पुल पर गुज़रते हुए मुझे बहुत डर लगता था क्योंकि मुझे इंजन में से निकलती भाप बहुत भयानक लगती थी। जब तक इंजन गुज़र नहीं जाता था मैं एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाता था। अचानक ही दो मजबूत बांहें मुझे उठा लेतीं और मैं बिना कोई हीलहुज्जत किए पिता जी की बांहों में बैठा पुल के पार हो जाता। मेरा मन पिता जी के प्रति विश्वास से भरा हुआ था। मुझे याद है जब उन्होंने पहली बार मुझे बांहो में उठाकर पुल पार करवाया था तो मैंने अपना चेहरा उनकी बांहों में ही घुसेड़ लिया था और उन्हें यह कहते हुए सुना था, ‘‘बेटा घबराने की कोई बात नहीं, मेरे होते तुम्हें कोई नुक्सान नहीं पहुंचा सकता।’’ (Motivational Stories | Stories) अपने पिता जी की बांहों में मै बिल्कुल सुरक्षित महसूस करता था। स्वर्गलोक में बैठे हम सबके पिता ईश्वर भी हमसे कहते है ‘‘घबराओ नहीं, हौसला न छोड़ो, डरने की कोई बात नहीं!’’ घबराओ नहीं-क्योंकि भगवान तुम्हें प्यार करते हैं। हौसला न हारो-क्योंकि भगवान ने तुम्हारा हाथ पकड़ा हुआ है। (Motivational Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | kids-motivational-stories | short-stories | hindi-short-stories | hindi-stories | hindi-motivational-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | baal-khaanii | hindii-baal-khaanii | chottii-hindii-khaanii | हिंदी कहानी यह भी पढ़ें:- Motivational story: जोखिम बिना जीवन Motivational Story: एक ही रास्ता Motivational Story: अंजाम Motivational Story: शिष्टाचार का सबक #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Hindi Bal kahania #Kids Stories #kids motivational stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Hindi Motivational Stories #hindi short Stories #short stories You May Also like Read the Next Article