Motivational Story: बुझी मोमबत्ती

एक पिता अपनी चार वर्षीय बेटी मिनी से बहुत प्रेम करता था। ऑफिस से लौटते वक्त वह रोज़ उसके लिए तरह-तरह के खिलौने और खाने-पीने की चीजें लाता था। बेटी भी अपने पिता से बहुत लगाव रखती थी।

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Father with his daughter

बुझी मोमबत्ती

Motivational Story बुझी मोमबत्ती:- एक पिता अपनी चार वर्षीय बेटी मिनी से बहुत प्रेम करता था। ऑफिस से लौटते वक्त वह रोज़ उसके लिए तरह-तरह के खिलौने और खाने-पीने की चीजें लाता था। बेटी भी अपने पिता से बहुत लगाव रखती थी और हमेशा अपनी तोतली आवाज़ में पापा-पापा कह कर पुकारा करती थी। (Motivational Stories | Stories)

दिन अच्छे बीत रहे थे कि अचानक एक दिन मिनी को बहुत तेज बुखार हुआ, सभी घबरा गए, वे दौड़े भागे डाॅक्टर के पास गए, पर वहां ले जाते-ले जाते मिनी की मृत्यु हो गयी।

परिवार पर तो मानो पहाड़ ही टूट पड़ा और पिता की हालत तो मृत व्यक्ति के समान हो गयी। मिनी के जाने के हफ्तों बाद भी वे ना किसी से बोलते ना बात करते। बस रोते ही रहते। यहाँ तक कि उन्होंने ऑफिस जाना भी छोड़ दिया और घर से निकलना भी बंद कर दिया। (Motivational Stories | Stories)

Father with his daughter

आस-पड़ोस के लोगों और नाते-रिश्तेदारों ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की पर वे किसी की ना सुनते, उनके मुख से बस एक ही शब्द निकलता-मिनी। 

एक दिन ऐसे ही मिनी के बारे में सोचते-सोचते उनकी आँख लग गयी और उन्हें एक स्वप्न आया। (Motivational Stories | Stories)

उन्होंने देखा कि स्वर्ग में सैकड़ों बच्चियां परी बन कर घूम रही हैं, सभी सफ़ेद पोशाकें...

उन्होंने देखा कि स्वर्ग में सैकड़ों बच्चियां परी बन कर घूम रही हैं, सभी सफ़ेद पोशाकें पहने हुए हैं और हाथ में मोमबत्ती ले कर चल रही हैं। तभी उन्हें मिनी भी दिखाई दी।

उसे देखते ही पिता बोले, "मिनी, मेरी प्यारी बच्ची, सभी परियों की मोमबत्तियां जल रही हैं, पर तुम्हारी बुझी क्यों है, तुम इसे जला क्यों नहीं लेती?’’ (Motivational Stories | Stories)

मिनी बोली, "पापा, मैं तो बार-बार मोमबत्ती जलाती हूँ, पर आप इतना रोते हो कि आपके आंसुओं से मेरी मोमबत्ती बुझ जाती है।’’

Father with his daughter

ये सुनते ही पिता की नींद टूट गयी। उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया, वे समझ गए कि उनके इस तरह दुखी रहने से उनकी बेटी भी खुश नहीं रह सकती, और वह पुनः सामान्य जीवन की तरफ बढ़ने लगे।

मित्रों, किसी करीबी के जाने का ग़म शब्दों से बयान नहीं किया जा सकता। पर कहीं ना कहीं हमें अपने आप को मजबूत करना होता है और अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होता है। और शायद ऐसा करना ही मरने वाले की आत्मा को शांति देता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि जो हमसे प्रेम करते हैं वे हमे खुश ही देखना चाहते हैं, अपने जाने के बाद भी। (Motivational Stories | Stories)

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