Motivational Story: मां है महान दानिश एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का था वह पढ़ने लिखने में होशियार था, उसने 10वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक पाए, दानिश अपनी मार्कशीट लेकर अपने घर पहुंचा तो उसके पिता ने मार्कशीट देखकर खुशी से अपनी पत्नी को कहा। By Lotpot 28 Dec 2023 in Stories Motivational Stories New Update मां है महान Motivational Story: मां है महान:- दानिश एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का था वह पढ़ने लिखने में बहुत होशियार था इसलिए उसने 10वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, दानिश जब अपनी मार्कशीट लेकर अपने घर पहुंचा तो उसके पिता ने मार्कशीट देखकर खुशी-खुशी अपनी पत्नी को कहा: “सुनो मिठाई बांटो, स्कूल की परीक्षा मे हमारे लाड़ले को 90 प्रतिशत अंक मिले हैं!” इतना सुनकर मां किचन से दौड़ती हुई आई और बोली “सच! मुझे भी दिखाइए मेरे बच्चे की कामयाबी की पर्ची!” ये सुनते ही दानिश फटाक से बोला: क्या पापा, किसे रिज़ल्ट दिखा रहे हैं क्या मां पढ़ लिख सकती है? वह तो अनपढ़ है। दानिश की बात सुनकर मां ने कुछ कहा नहीं, अश्रुपुर्ण आँखों को पल्लू से पोंछती हुई वह चुपचाप रसोई में चली गई। लेकिन ये बात पिता ने सुनी भी और देखी भी इसलिए उन्होंने दानिश के कहे हुए वाक्यों में जोड़ा... लेकिन ये बात पिता ने सुनी भी और देखी भी इसलिए उन्होंने दानिश के कहे हुए वाक्यों में जोड़ा और कहा: “हाँ बेटा सच कहा तुमने, बिल्कुल सच, जानता है जब तू गर्भ में था, तो उसे दूध बिल्कुल पसंद नहीं था लेकिन फिर भी उसने तुझे स्वस्थ बनाने के लिए नौ महीने तक हर दिन दूध पिया क्यों? क्यूँकि तेरी मां अनपढ़ थी ना इसलिए। तुझे सुबह सात बजे स्कूल जाना होता था, इसलिए वह सुबह पांच बजे उठकर तुम्हारा मनपसंद नाश्ता और डिब्बा बनाती थी, जानता है क्यों? क्योंकि वो अनपढ़ थी इसलिए”। दानिश हैरानी से अपने पिताजी की बात सुन रहा था जबकि पिताजी कहे जा रहे थे। “जब तुम रात को पढ़ते-पढ़ते सो जाते थे, तो वह आकर तुम्हारी कॉपी और किताबें बस्ते में भरकर, फिर तुम्हारे शरीर को ओढ़नी से ढँक देती थी और उसके बाद ही सोती थी, जानते हो क्यों? अनपढ़ थी ना इसलिए, बचपन में तुम ज्यादातर समय बीमार रहते थे, तब वो रात-रात भर जागकर सुबह जल्दी उठती थी और काम पर लग जाती थी, जानते हो क्यों? क्योंकि वो अनपढ़ थी इसलिए! तुम्हें, ब्रांडेड कपड़े दिलाने के लिये मेरे पीछे पड़ी रहती थी, और खुद सालों तक एक ही साड़ी में रही, क्योंकि वो सचमुच अनपढ़ थी ना”। पापा क्या कह रहे थे यह दानिश की समझ में आ रहा था, लेकिन पापा बस इतना कहकर ही नहीं रुके, वे आगे बोले: “बेटा, पढ़े लिखे लोग पहले अपना स्वार्थ और मतलब देखते हैं लेकिन तेरी मां ने आज तक कभी नहीं देखा क्योंकि अनपढ़ है ना वो इसलिएए वो खाना बनाकर और हमें परोसकर, कभी-कभी खुद खाना भूल जाती थी, इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि तुम्हारी माँ अनपढ़ है”। बस अब दानिश से नहीं सुना गया वह फफक कर रो पड़ा और दौड़कर अपनी मां से लिपटकर बोला: “माँ! ओ माँ! मुझे तो कागज़ पर 90 प्रतिशत अंक ही मिले हैं लेकिन आप मेरे जीवन को 100 प्रतिशत बनाने वाली पहली शिक्षक हैं। मां 90 प्रतिशत अंक मिलने के बाद भी मैं अशिक्षित हूँ। और आपके पास पीएचडी के ऊपर की उच्च डिग्री है, क्योंकि आज मैंने अपनी मां के अंदर छुपे रूप में, डॉक्टर, शिक्षक, वकील, ड्रेस डिजाइनर, बेस्ट कुक, इन सभी के दर्शन कर लिए, इसी के साथ में यह भी जान गया हूँ कि यह गुण मात्र आप में ही नहीं बल्कि दुनिया की हर माँ में मौजूद होते हैं, मुझे माफ कर दो माँ मुझे माफ कर दो!!” मां ने तुरंत ही दानिश को उठाकर सीने से लगाते हुए कहा: “पगले रोते नही हैं! आज तो खुशी का दिन है! चल हंस”। कहकर मां ने दानिश का माथा चूम लिया। दानिश मुस्कुरा उठा, क्योंकि मां के प्यार के साथ-साथ उसे यह सबक भी मिल गया था कि मां से बड़ा पढ़ा-लिखा और शिक्षक कोई नहीं है। lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | hindi-short-stories | short-hindi-stories | hindi-motivational-stories | hindi-stories | motivational-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-hindii-khaanii | हिंदी कहानी यह भी पढ़ें:- Motivational Story: घबराओ मत Motivational Story: बुद्धि का दान Motivational Story: अंजाम Motivational Story: मेहनत का महत्व #बाल कहानी #लोटपोट #हिंदी कहानी #Lotpot #Bal kahani #Motivational Stories #Hindi Bal kahania #Kids Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Hindi Motivational Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories You May Also like Read the Next Article