Motivational Story: मेहनत का महत्व

शिमला के पास पालमपुर नाम का एक छोटा गांव था। उस गांव के लोग साधारण काम करने वाले लोग थे जो अपनी रोज़मर्रा के खर्चे को बहुत मुश्किल से कमाते थे।उस गांव के पास एक छोटा गांव था, जहां पर थोड़े समय में एक छोटा बाज़ार बन गया था।

New Update
labour

मेहनत का महत्व

Motivational Story मेहनत का महत्व:- शिमला के पास पालमपुर नाम का एक छोटा गांव था। उस गांव के लोग साधारण काम करने वाले लोग थे जो अपनी रोज़मर्रा के खर्चे को बहुत मुश्किल से कमाते थे।उस गांव के पास एक छोटा गांव था, जहां पर थोड़े समय में एक छोटा बाज़ार बन गया था। रामलाल उस गांव का एक गरीब मजदूर था जो अपने रोज़ के पैसे कमाने के लिए उस बाज़ार में दिहाड़ी के लिए काम करता था। रामलाल के पास पैसे कमाने का यही जरिया था। उस पर कई ज़िम्मेदारियां थीं जैसे उसके बच्चों की पढ़ाई का खर्चा, खाना, कपड़े आदि। उसके चार बच्चे थे लेकिन उन सभी में भोला सबसे मस्ती करने वाला बच्चा था। उसका पढ़ाई में कोई ध्यान नहीं था। वह स्कूल ना जाने के कई बहाने बनाता था। इतना ही नहीं वह घर का खाना खाने के बजाए चॉक्लेट, टॉफ़ी और बेकार की चीज़े खाने में दिलचस्पी रखता था। हर रोज़ वह अपने पिता से कुछ कुछ कहकर पैसे लेता था और उसे बिना सोचे समझे खर्च कर देता था। (Motivational Stories | Stories)

रामलाल अपने बेटे भोला के लिए बहुत चिंतित था क्योंकि उसमें गंदी आदते थीं। एक दिन उसने कड़ा फैसला लेते हुए अपने बेटे को सुधारने का फैसला लिया, उसने कसम खाई कि वह भोला को उस दिन से एक रूपया भी नहीं देगा। (Motivational Stories | Stories)

अपने पिता के यह शब्द सुनकर भोला उदास हो गया, उसने सोचा कि यह दिन उसके लिए...

अपने पिता के यह शब्द सुनकर भोला उदास हो गया, उसने सोचा कि यह दिन उसके लिए अच्छा नहीं है। अगर उसने पैसे नहीं कमाए तो उसे रात का खाना खाने को नहीं मिलेगा। उसने सोचा, ‘मैं कहां जाऊं? मुझे अपनी मां से पचास रूपये लेने चाहिए और इस तरह से आज के दिन की समस्या सुलझ जाएगी।यह सोचकर वह अपनी मां के पास गया और उसने पूरी बात बताई। उसकी मां ने उसे पचास रूपये दे दिए। पचास रूपए लेकर वह अपने पिता के पास गया और उन्हें उसने पैसे दे दिए। (Motivational Stories | Stories)

रामलाल समझ गया कि उसके बेटे ने पैसे कमाए नहीं है बल्कि उसने यह पैसे किसी से लिए है। इसलिए उसने अपने बेटे को वह पचास रूपए का नोट कुएं में फेंकने का आदेश दिया। भोला ने पैसे कुएं में डाल दिए। रामलाल ने फिर भोला से कहा, ‘मैंने तुम्हें खुद से पैसे कमाने के लिए कहा था। तुमने यह पैसे अपनी मां से क्यों लिए? जाओ और खुद जाकर पैसे कमाकर लाओ। अगर तुम मेहनत करके पचास रूपए नहीं कमा पाए तो तुम्हें शाम का खाना नहीं मिलेगा। जाओ और जैसा मैने करने के लिए कहा है, वैसा करो।’ (Motivational Stories | Stories)

इन सब हरकतों के बाद भी भोला ने अपने पिता के शब्दों को गंभीरता से नहीं लिया। वह दोबारा अपनी मां के पास गया और उसे जाकर सब बातें बताई और उससे पचास रूपए दोबारा मांगे। लेकिन इस बार उसकी मां ने उसे पैसे देने से मना कर दिया। फिर वह अपनी बहन के पास गया और उसने उसे पूरी कहानी सुनाई और उससे पैसे मांगे, बहन को अपने भाई पर तरस गया और उसने उसे पचास रूपए दे दिए। वह बहुत खुश हुआ और उसने जाकर पैसे अपने पिता को दे दिए। लेकिन उसके पिता ने दोबारा उसे पैसे कुएं में फेंकने के लिए कहा। उसने पैसे कुएं में गिरा दिए। रामलाल ने अपने बेटे से कड़क आवाज़ में कहा, ‘खुद जाकर पैसा कमाओ।दुखी बेटा दोबारा अपनी मां के पास गया लेकिन उसने मना कर दिया, फिर वह अपनी बहन के पास गया और उसने भी मना कर दिया। (Motivational Stories | Stories)

भोला घर से बाहर आया। वह बहुत उदास था और उसने सभी आशाएं छोड़ दी थी। वह सड़क किनारे जाकर बैठ गया और रोने लगा। वहां से गुजरते एक आदमी ने पूछा, ‘तुम रो क्यों रहे हो?’ भोला ने जवाब दिया, ‘मुझे तुरंत पचास रूपए चाहिए। मेरे पिता ने मुझे कहा है कि अगर मैं आज पचास रूपए नहीं लाया तो वह मुझे शाम का खाना नहीं देंगेंसही कहा, तुम्हें काम करना ही पड़ेगा और पैसे कमाने पड़ेंगे। तुम्हें कोई बिना काम किए पैसे नहीं देगा। तुम रेलवे स्टेशन क्यों नहीं जाते, वहां जाकर मुसाफिरों का सामान उठाओ और तुम्हें पैसे मिल जाएंगे।फिर उस आदमी ने भोला को अपना सामान स्टेशन तक उठाने के लिए कहा और उसे बीस रूपए दिए। इस काम से भोला को प्रेरणा मिली, भोला ने रेलवे प्लेटफार्म पर बहुत से मुसाफिरों का सामान उठाया और शाम तक उसने तीस रूपए और कमा लिए। अब उसके पास पचास रूपए थे। वह तुरंत घर गया। (Motivational Stories | Stories)

boy doing work

जब वह घर गया तो उसने वह पैसे पिता को दिए। लेकिन उसके पिता ने उसे फिर पैसे कुएं में डालने के लिए कहा। इस बार भोला ने पैसे नहीं गिराए। बल्कि उसने अपने पिता से कहा, ‘इस बार मैंने किसी से पैसे उधार नहीं लिए है, मैंने मेहनत करके यह पैसे कमाए है। मैं इन्हें कुएं में नहीं फेंकूंगा। मैंने रेलवे स्टेशन पर लोगों का सामान अपने सिर पर रखकर उठाया है, मैंने मेहनत से पैसे कमाए है इसलिए मैं इसे नहीं फेकूंगा बल्कि मैं इसे संभाल कर रखूंगा।यह सुनकर रामलाल ने अपने बेटे को शाबाशी दी। उसने आगे कहा, ‘मैं भी पैसे मेहनत करके कमाता हूं और तुम उसे फालतू चीज़ों पर खर्च कर देते हो। मुझे उम्मीद है कि अब तुम्हें मेहनत से पैसे कमाना गया होगा।उसने आगे कहा, ‘मैं तुम्हारी प्रशंसा करता हूं कि तुमने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत करने की कोशिश की। लेकिन अभी तुम्हारा पढ़ने का समय है। अच्छी शिक्षा पाकर अच्छे नागरिक बनो।’ (Motivational Stories | Stories)

भोला बहुत खुश हुआ। उसका आत्मविश्वास बढ़ गया और उसने कहा, ‘मैं ज़िंदगी में मेहनत करूंगा और कभी पैसों की बर्बादी नहीं करूंगा। मैं एक अच्छा नागरिक बनने की कोशिश करूंगा।’ (Motivational Stories | Stories)

 सीख:- मेहनत ही एक ऐसा हथियार है जो मनुष्य को किसी भी परिस्थिती से बाहर ला सकता है। रामलाल अगर अपने पुत्र भोला को मेहनत का महत्व नहीं बताता तो एक एक दिन रामलाल की आने वाली पीढ़ी उसको कोसती। लेकिन अब भोला को समझ गया था की मेहनत का फल मीठा होता है। (Motivational Stories | Stories)

 lotpot-latest-issue | kids-motivational-stories | मेहनत का महत्व | lottpott-khaanii | bccon-kii-prerk-khaaniyaan | bccon-kii-prernnaadaayk-khaanii

यह भी पढ़ें:-

Motivational Story: विचार की शक्ति

चींटी और टिड्डे की प्रेरक कहानी: काम ही पूजा है

Kids Motivational Story: आलसी किसान

Motivational Story: निर्दोष को दंड

#Lotpot #Motivational Stories #Lotpot latest Issue #लोटपोट कहानी #बच्चों की प्रेरणादायक कहानी #kids motivational stories #बच्चों की प्रेरक कहानियाँ #मेहनत का महत्व