Motivational Story: निर्दोष को दंड चित्रानगरी के राजा के पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, उनके द्वार पर जो भी याचक आता, भरी झोली लेकर जाया करता। एक दिन कोई फकीर उनके द्वार आया तो राजा स्वयं उठकर उसे दक्षिणा देने पहुँचे। By Lotpot 14 Oct 2023 in Motivational Stories Stories New Update निर्दोष को दंड Motivational Story:- चित्रानगरी के राजा के पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, उनके द्वार पर जो भी याचक आता, भरी झोली लेकर जाया करता। एक दिन कोई फकीर उनके द्वार आया तो राजा स्वयं उठकर उसे दक्षिणा देने पहुँचे। उन्होंने जैसे ही फकीर के पात्र में दक्षिणा भेंट की तो फकीर ने एक नज़र राजा के चेहरे को देखा और बोला, ‘महाराज, आपके चेहरे पर उदासी क्यों?’ (Motivational Story) राजा ने कहा- मेरे पास सब कुछ है, लेकिन एक बेटा नहीं है।’ फकीर ने एक मंत्र जपा और कहा- ‘महाराज आज से ठीक नौ माह बाद आपका राजमहल किलकारियों से गूंजने लगेगा।’यह सुनकर राजा बड़ा प्रसन्न हुआ, फकीर दक्षिणा लेकर आगे चल पड़ा। ठीक नौ माह उपरांत रानी ने एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया। पूरी राजधानी में खूब जश्न मना... ठीक नौ माह उपरांत रानी ने एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया। पूरी राजधानी में खूब जश्न मना। जब राजकुमार सात बरस का हुआ तो राजा ने उसे एक गुरू के आश्रम में भर्ती किया ताकि वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। (Motivational Story) आश्रम के गुरूजी प्रतिदिन राजकुमार को तरह-तरह की तालीम प्रदान करते। लगभग दस वर्षों के सफर में वह एक बुद्धिमान राजकुमार बन चुका था। एक दिन उसने कहा, ‘गुरूजी! आपके सानिध्य में मैंने शिक्षा तो प्राप्त कर ली है, अब मैं अपने पिताजी के पास जाना चाहता हूँ। (Motivational Story) गुरू ने कहा- ‘ठीक है तुम जाने से पूर्व मेरे चरण स्पर्श करो, मैं तुम्हें आशीर्वाद प्रदान करूंगा।’राजकुमार ने प्रस्थान से पूर्व झुककर गुरू के चरण स्पर्श किए तो उन्होंने उसकी पीठ पर अपनी छड़ी से तीव्र प्रहार किया। राजकुमार ने बेवजह प्रहार करने का कारण जानना चाहा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और कहा- ‘हाँ, अब तुम जा सकते हो।’ (Motivational Story) अपने सीने में गुरू के प्रति नफरत भर कर राजकुमार महल में लौट आया। अपने पिताश्री की मृत्यु के उपरांत जब वह राजगद्दी पर बैठा तो उसने अपने पर बेवजह प्रहार करने वाले गुरू को अपने महल में बुलाकर पूछा- ‘क्यों गुरूजी। मुझे पहचानते हो?’ ‘हाँ राजन। अच्छी तरह से पहचानता हूँ, कल तक तुम सिर्फ एक राजकुमार थे, लेकिन अब राजा बन चुके हो। अरे हाँ! यह तो बताओ मुझे यहाँ क्यों बुलाया? राजा ने कहा- ‘आपने बिना वजह मुझ पर प्रहार क्यों किया था बस इसी का कारण जानना चाहता हूँ।’ (Motivational Story) गुरू ने कहा- हे राजन। तुम्हें बिन कारण जो दंड दिया, उसकी याद तुम्हें अब भी सता रही है। गलती करने वाला अपना दण्ड भूल जाता है, पर निर्दोष अपने दंड को कभी नहीं भूलता। अतः कभी निर्दोष को मत सताना। हाँ, तुम्हारे भविष्य के लिए मेरी यही अंतिम शिक्षा थी।’ यह सुनकर राजा बड़ा प्रसन्न हुआ! गुरू को प्रणाम कर बोला, ‘आप सचमुच महान है, मैं आपकी शिक्षा का ताउम्र पालन करूंगा और कभी किसी निर्दोष को दण्ड नहीं दूंगा। (Motivational Story) ऐसी कहानियाँ और पढ़ें:- स्वामी जी की यात्रा ने कई गांवों को बुरी आदतों से मुक्ति दिलाई Motivational Story: सबसे कीमती मॉडल Motivational Story: दिव्या का नए साल का तोहफा Kids Motivational Story: आलसी किसान #kids motivational stories #Best kids story #Hindi Bal kahania #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की प्रेरणादायक कहानी #बाल कहानी #Bal Kahaniyan #prernadayak kahani #Lotpot You May Also like Read the Next Article