Motivational Story: दिव्या का नए साल का तोहफा By Lotpot 12 Oct 2023 in Motivational Stories Stories New Update Motivational Story: दिव्या का नए साल का तोहफा Motivational Story: दिव्या का नए साल का तोहफा:- दिव्या एक बहुत अच्छे स्वभाव की बच्ची थी लेकिन वह बहुत ज़्यादा आलसी थी। ऐसी कोई चीज़ नहीं थी जिसे वह पसंद करती हो या फिर जो उसे पसंद हो। वह सिर्फ सूरज की रोशनी में आराम करना पसंद करती थी और कुछ नहीं करती थी। दिव्या की माँ चाहती थी कि उनकी बेटी पढ़ना सीखे लेकिन जो अध्यापिका उसे पढ़ाती थी, उसने जल्द ही दिव्या को पढ़ाना छोड़ दिया। उस अध्यापिका ने कहा, ‘इसे पढ़ाने का कोई मतलब नहीं है, दिव्या नहीं सीख पाएगी। यह एक नालायक बच्ची है और यह कोई काम नहीं कर सकती क्योंकि यह आलसी है।’ इसके बाद मैंगलोर से एक युवा लड़का उस घर में रहने आया जहां दिव्या रहती थी। वह अपने साथ एक ऐसी चीज़ लाया जो किसी ने भी कभी नहीं देखी थी। वह लड़का अपने साथ रोलर स्केट लेकर आया। जब दिव्या ने उस युवा लड़के को स्केट्स पर भागते हुए और फटाफट चलते हुए देखा तो वह हैरान रह गई, वह उसके पीछे बिल्ली की तरह भागने लगी। उसकी काली आंखे ऐसे चमकने लगी जैसी इससे पहले कभी नहीं चमकी थीं। (Motivational Story) एक दिन युवा लड़के ने दिव्या को अपने स्केट्स पहनने का मौका दिया। दिव्या स्केट्स को लेकर बहुत खुश हुई। हालांकि उसे पहनकर वह गिरी और ज़मीन पर फिसली भी लेकिन उसने उस बात का बुरा नहीं माना। युवा लड़के ने कहा, ‘देखो, दिव्या, मुझे पता है कि मेरी चाची ने तुम्हे पढ़ाने की कोशिश की थी। दिव्या ने जवाब दिया शायद ‘तो तुम क्यों नहीं पढ़ी?’ युवा लड़के ने पूछा। ‘क्योंकि तुम जवाब देकर अपने आपको परेशान नहीं करना चाहती थी। क्योंकि तुम बहुत आलसी हो। अगर तुम पहली जनवरी तक पढ़ना, लिखना सीख जाओगी तो मैं तुम्हें बताता हूँ कि मैं क्या करूंगा। मैं तुम्हें एक उम्दा रॉलर स्केट्स का जोड़ा भेजूंगा। इतने बढ़िया रॉलर स्केट्स भेजूंगा जितने बढ़िया रॉलर स्केट्स मंसूरी में मिलते है।’ दिव्या की आँखें खुली रह गईं। एक पल के लिए उसने कुछ नहीं कहा और फिर थोड़े समय बाद उसने कहा, ‘मैं वह स्केट्स जरूर लूंगी। पक्का।’ (Motivational Story) और उसने करके दिखाया। जब भी वह पढ़ने बैठती थी तो वह हमेशा अच्छा परिणाम देती थी। बेशक वह कुछ भी पढ़े, उसमें वह उत्तीर्ण होती थी। वह अध्यापिका जिसे पहले दिव्या को पढ़ाना नामुमकिन लगता था अब वह दिव्या को आसानी से पढ़ाती थी और अब उन्हें कोई समस्या नहीं थी। अगर दिव्या आलसीपन की ज़रा सी भी झलक दिखाती थी तो उसे स्केट्स बोलकर जगा दिया जाता था। और यह एक शब्द उसका पढ़ाई मे मन लगाने के लिए काफी था? नए साल की सुबह उसे एक डिब्बा मिला जिस पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था- मिस दिव्या मारवाह, केयर ऑफ़ मिसेज रितू नई दिल्ली, भारत अगर वह बाहर लिखे हुए शब्दों को पढ़ सकती है तो वह इस डिब्बे के अंदर वाली चीज़ ले सकती है। जब दिव्या ने हर अक्षर को बिना किसी तकलीफ के जल्दी और साफ साफ पढ़ा तो उसने उस डिब्बे को खोला और उस डिब्बे में उसके लिए रॉलर स्केट्स थे। अब दिव्या को सूरज में बैठकर अपना समय बर्बाद करना पसंद नहीं था। अब उसका मन पढ़ाई में लगता था और उसका आलसीपन भी दूर हो गया था। (Motivational Story) और प्रेरणादायक कहानियाँ यहाँ पढ़ें बच्चों को मोटिवेट करती बाल कहानी : प्रार्थना की महिमा Motivational : जो कुछ भी है हमारे पास है उसका सम्मान करो प्रेरणादायक कहानी : खुद पर यकीन #बच्चों की कहानी #Lotpot Kahani #Baal kahani #prernadayak kahani #किड्स स्टोरीज #लोटपोट कहानी #ज्ञानवर्धक कहानी #नए साल का तोहफा #new year gift You May Also like Read the Next Article