Kids Motivational Story: आलसी किसान
उस दिन बाज़ार जाने का दिन था और राजू किसान सड़क पर अपनी घोड़ागाड़ी चला रहा था। उसे बाज़ार जल्दी पहुँचना था ताकि वह अपना सामान बेच सके। घोड़ों के लिए कीचड़ में इतना सामान खींचना मुश्किल हो रहा था।
उस दिन बाज़ार जाने का दिन था और राजू किसान सड़क पर अपनी घोड़ागाड़ी चला रहा था। उसे बाज़ार जल्दी पहुँचना था ताकि वह अपना सामान बेच सके। घोड़ों के लिए कीचड़ में इतना सामान खींचना मुश्किल हो रहा था।
चित्रानगरी के राजा के पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं थी, उनके द्वार पर जो भी याचक आता, भरी झोली लेकर जाया करता। एक दिन कोई फकीर उनके द्वार आया तो राजा स्वयं उठकर उसे दक्षिणा देने पहुँचे।
चेयरमैन के बारे में यह मशहूर था कि वे एक बहुत साधारण परिवार से थे और सभी विद्यार्थी उनकी कहानी सुनने को उत्सुक थे। रंगारंग समारोह के बाद पढ़ाई, कला और खेल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को इनाम बाँटा गया।
एक दिन एक अमीर व्यापारी किसी काम से एक गांव में जा रहा था। बारिश का मौसम था, झमाझम बारिश हो रही थी और रास्ते में जगह जगह गड्ढों में पानी भरा हुआ था। अचानक रास्ते में गाड़ी खराब हो गई। व्यापारी के साथ कोई नहीं था।
बाल कहानी : (Hindi Kids Story) नये साल की कसम : लोमड़ मामा डींग हाँकने में सबसे आगे था। कहीं कोई बात निकलती तो वह कहता। इसमें बड़ी बात क्या है? यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। कभी कहता, मैंने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिये।
लोमड़ मामा डींग हाँकने में सबसे आगे था। कहीं कोई बात निकलती तो वह कहता। इसमें बड़ी बात क्या है? यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। कभी कहता, मैंने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिये। तो कभी बोलता, डाकुओं से ऐसी मुठभेड़ हुई कि वे दुम दबाकर भाग खड़े हुए। कभी शेर को नीचा दिखाने की बात बताता तो कभी साँप को टुकड़े-टुकड़े करने की कहानी सुनाता। एक दिन लोमड़ मामा ‘खरगोश बस्ती’ में पहुँच कर अपनी डींग हाँकने लगा। उसकी डीगं सुनकर सब तंग आ चुके थे। तब खनकू और मनकू नामक खरगोशों ने सोचा कि अब लोमड़ मामा की पोल खोल देने में ही सबका भला है।
रोमिका जंगल का शासक ‘राॅकी शेर’ प्रति वर्ष नये साल पर खूब खुशियाँ मनाया करता। नये साल की नूतन बेला में वह जंगल के समस्त प्राणियों को दावत देता और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाता। इससे जंगल के सभी प्राणी बड़े खुश रहते। और उन्हें नये साल के आगमन का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता। एक साल-नूतन वर्ष के दिन संत मीन्टू भालू पधारे। उन्होंने अपना पड़ाव जंगल की सीमा पर ही जमाया। उनकी प्रसिद्धि की शौहरत सुनकर खुद ‘राॅकी शेर’ उनके दर्शनार्थ पहुँचा और बोला। आज नूतन वर्ष का शुभ दिन है।