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मोनू की ज़िद
Motivational Story: मोनू की ज़िद:- मोनू की ज़िद्दी आदत से घर के सभी लोग परेशान थे। जिद करना तो उसकी रोज की दिनचर्या बन गई थी। कभी खिलौने को तो कभी खाने-पीने की वस्तुओं की। आज स्कूल से लौटकर घर में घुसते ही मोनू ने पूछा "मां मेरी साइकिल आ गई क्या? पापा तो कह रहे थे कि पास हो जाने पर मुझे एक अच्छी साइकिल खरीद कर देंगे। खैर छोड़ो मां, मुझे साइकिल की जरूरत नहीं मैं रोहन की साइकिल से उसके साथ स्कूल चला जाया करूंगा। मां ने मोनू से आश्चर्य से पूछा बेटा आज तुमने पहली बार समझदारी की बात की है, पर मां बीच में बात काटकर मोनू बोला, मुझे वीडियो गेम चाहिए जैसा रोहन के भाई के पास है। वह हमेशा मुझे चिढ़ाता रहता है कि, तुम कभी भी यह नहीं ले सकते। मां, पापा से कहना कि 10 तारीख को जब तनखा मिले तो वह मुझे वीडियो गेम जरूर दिलाएं। मां ने समझाते हुए कहा, बेटा आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि हम तेरी सारी इच्छाएं पूरी कर सकें अगली बार गर्मी की छुट्टियों में मैं कहीं से भी पापा से कहकर तेरी वीडियो गेम की बात करूंगी। (Motivational Stories | Stories)
“कुछ भी हो मुझे वीडियोगेम किसी भी कीमत पर चाहिए”। इतना कहकर मोनू गुस्साकर अपने बेडरूम में चला गया। मां ने खाना लगाकर मोनू को आवाज लगाई परन्तु उसके जवाब न देने से मां ने उसके कमरे में जाकर देखा कि वह सो रहा है। मां ने उसे जगाना ठीक न समझ कर अपने काम में लग गई। सायं को जब मोनू की आंख खुली तो पापा आ चुके थे। मोनू हाथ मंह धोकर बाहर खेलने चला गया। मां, पापा को सारी बात बताकर बोली “दिन पर दिन इसकी जिद बढ़ती ही जा रही है अगर हम इसकी हर जिद पूरी करते रहे तो एक दिन यह हमसे ताज महल की जिद करेगा तब कया हम उसकी जिद पूरी कर सकेंगे”। पापा सारी बात सुनकर भी चुप ही रहे।
रात को जब मोनू खेलकर लौटा तो घर में घुसते ही पापा ने पूछा कहां गए थे, "जी रोहन के घर खेलने!” सहमे हुए मोनू ने कहा। कल हमारे घर मेहमान आ रहे हैं। कल तुम बाहर कहीं नहीं जाओगे। जी कहकर मोनू अन्दर चला गया। रात के डिनर पर पापा-मम्मी, मोनू से कुछ भी नहीं बोले। (Motivational Stories | Stories)
सुबह उठते ही मोनू स्कूल की तैयारी में लग गया। मां ने नाश्ता तैयार करके उसको खिलाया। मोनू ने मां का सही मूड देखकर पूछा...
सुबह उठते ही मोनू स्कूल की तैयारी में लग गया। मां ने नाश्ता तैयार करके उसको खिलाया। मोनू ने मां का सही मूड देखकर पूछा, मां आपने कल वाली बात पापा को बताई थी न। हां बता दी थी मां ने कहा। फिर पापा ने क्या कहा? पापा ने कहा था कि इस बार तो नहीं अगले साल देखेंगे।
तब तक रोहन ने बाहर से साइकिल की घंटी बजाकर मोनू को आवाज लगाई। आवाज सुनकर मोनू ने बस्ता उठाया और साइकिल पर बैठकर स्कूल चला गया। घर पर पापा ने मम्मी से कहा, कि मेरे दिमाग में एक उपाय है इस उपाय से मोनू सही रास्ते पर आ जायेगा। पापा ने मम्मी को सारी बात समझाकर कहा इस तरह मोनू की यह आदत छूट जायेगी। (Motivational Stories | Stories)
स्कूल से लौटकर मोनू आया मां ने खाना लगाकर खिलाया और रोज की तरह ही व्यवहार किया। खाना खाकर मोनू सो गया। सायं को उठा तो वह बाहर जाने लगा किन्तु उसे कल वाली बात याद आ गई। टाईम काटने के लिए वह किताब पढ़ने लगा।
इतने में किसी ने बाहर से घंटी बजाई। किताब छोड़कर, मोनू ने दरवाजा खोलकर देखा तो सामने एक सज्जन आदमी थे तथा उनके आगे पापा थे। नमस्ते कहकर मोनू ने अन्दर बुलाया तो इस पर वह सज्जन बोले, ‘यही लड़का है आपका बड़ा ही होनहार है’। कुर्सी पर बैठाकर, मोनू अन्दर की ओर चला गया जहां उसकी मां नाश्ता बना रही थी। मोनू बातें सुनने के लिए कमरे में जाकर बेठ गया।
देखिए जी वैसे मैं दाख़िले के सबसे 25000 रूपए लेता हूं। चूंकि आप मेरे मित्र के मित्र हैं इसलिए आपसे ज्यादा नहीं ले सकता आप मुझे सिर्फ 20000 रूपए ही दे देना। कमरे, बिजली, खाना, दवाई के व महीने की फीस 4500 रूपए होंगे। गर्मी में सिर्फ 3 महीनों की छुट्टी मिलेगी। (Motivational Stories | Stories)
यह सब सुन रहे मोनू ने सोचा यह कोई टीचर है। परन्तु यह यहां किसके दाखिले की बात कर रहे हैं? मैं तो आठवीं में पढ़ता हूं फिर फीस वगैरह सभी कुछ तो जमा है। यह सोचता हुआ वह रसोई में मां से जाकर पूछने लगा।
“मां यह कौन हैं और किसके दाखिले की बात कर रहे हैं?”
मम्मी ने कहा "यह कोई मामूली टीचर नहीं हैं बोर्डिंग स्कूल के टीचर हैं। ओर तुम्हारे पापा से तुम्हारे दाखिले की बात कर रहे हैं"। "मां मुझे वहां नहीं जाना मुझे यहीं रहना है तुम्हारे पास”। “बेटा यहां हम तुम्हारी सारी इच्छाओं को पूरा नहीं कर सकते। वहां तुम्हारी सभी जिद पूरी की जाएंगी”। मां ने कहा। (Motivational Stories | Stories)
मोनू रो पड़ा और बोला ''मां अब मैं कभी कोई भी जिद नहीं करूँगा, मैं आपके हाथ जोड़ता हूं। पापा से कह दीजिए। मम्मी ने कहा "यह तुम्हारे पापा और तुम्हारा लफड़ा है तुम उन्हीं से जाकर कहो”।
मोनू रोता हुआ पापा के पास गया और उनके पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाने लगा। “पापा मैं आपको व मम्मी को छोड़कर बोर्डिंग नहीं जाऊंगा" कहकर मोनू जोर-जोर से रोने लगा।
पापा ने कहा "मोनू बेटे मैं तुम्हारी मम्मी को लेकर तुमसे मिलने आया करूंगा। "पापा कुछ भी हो मैं कहीं नहीं जाऊंगा”। "बेटा जिद मत कर तेरी जिद यहां हम पूरी कर नहीं सकते वहां अच्छी-अच्छी टीचर होंगी जो तुम्हारा ख्याल रखेंगी। खिलौने, कपड़े, वगैरह हर जिद पूरी की जाएगी पढ़ाई भी अच्छी होगी" पापा ने समझाते हुए कहा। (Motivational Stories | Stories)
नहीं खिलौने, अच्छी नर्स आप मुझे मेरी जिद के कारण उस नरक में ढकेलना चाहते हैं तो ठीक है, मैं आज कसम खाता हूं कि कभी भी किसी प्रकार की जिद नहीं करूंगा। मोनू ने गर्व से कहा।
अब माफ भी कर दीजिए इसे अब तो बता दीजिए कि यह इसे सुधारने की चाल थी। नाश्ता लाते हुए मां ने कहा। मोनू ने आंख मसलते हुए कहा 'चाल'। “हां बेटा 'चाल' तुम्हारी दिन पर दिन बिगड़ती ज़िद्दी मिजाज की आदत एक दिन तुम्हें ही परेशान करती। और इसी आदत को छुड़वाने के लिए हमें यह ड्रामा खेलना पड़ा। पापा ने आगे बालते हुए कहा “जिसे तुम बोर्डिंग स्कूल का टीचर समझ रहे हो वह वास्तव में हमारे आफिस के एक अच्छे कर्मचारी हैं”। पापा के इन शब्दों को सुनकर मोनू ने अपना सर झुका लिया। पापा ने मोनू को पास बुलाकर गले से लगाकर कहा "सुबह का भूला अगर शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते”। (Motivational Stories | Stories)
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