Motivational Story जायदाद का सच:- एक था किसान, उसके दो पुत्र थे। थोड़ी सी जमीन थी उसके पास, जिसके बल बूते पर उसने अपने परिवार का पेट पाला था। और इसके अतिरिक्त कुछ थोड़ा बहुत धन भी बचाया था।वह किसान बहुत ही मेहनती था। यह उसकी मेहनत का ही फल था कि उसने इतनी थोड़ी सी जमीन की खेती से ही अपने परिवार का पेट सुख पूर्वक पाल लिया था। भगवान भी उसकी मेहनत से बहुत प्रसन्न थे तथा उसको उसकी मेहनत का उचित फल दिया था। (Motivational Stories | Stories)
धीरे धीरे वह किसान काफी वृद्ध हो चला था। दोनो लड़के भी काफी बड़े हो चुके थे। उस किसान ने अपने अथक प्रयासों से उस छोटी सी जमीन की खेती को काफी उपजाऊ व फलदायक बना दिया था। (Motivational Stories | Stories)
जब उसका अंत समय निकट आने को हुआ, तो वह यह समझ गया कि अब मैं इस संसार में ज्यादा देर...
जब उसका अंत समय निकट आने को हुआ, तो वह यह समझ गया कि अब मैं इस संसार में ज्यादा देर तक नहीं रूक पाऊँगा। उसने अपने दोनों पुत्रों को अपने निकट बुलाया, और बोला, ‘‘बच्चों, मैं अब जल्द ही इस संसार से विदा लेने वाला हूँ। यह तुम लोग अच्छी तरह जानते हो कि किस तरह से मैंने मेहनत करके अपना और तुम लोगों का पेट पाला है। इसके अतिरिक्त थोड़ा बहुत जो कुछ हो सका धन बचाया भी है। उसने एक ओर इशारा करके अपने पुत्रों से कहा, ‘‘वह देखो, उस तरफ एक ओर मेरी खेती के औजार रखे हैं। और उसके पास ही एक थैली में बचाया हुआ थोड़ा बहुत धन है। तुम दोनों जाओ और अपनी इच्छानुसार दोनों में से किसी एक को चुन लो। यही हमारी तुम्हारे लिये जायदाद है।’’ वह किसान अपने दोनों पुत्रों के स्वभाव से भली भाँति अवगत था। उसे विश्वास था कि जो उसने सोचा है वही होगा। और वास्तव में हुआ भी वैसा ही। बड़े पुत्र ने धन की भरी थैली को तथा छोटे ने अपने पिता के औजारों को बड़ी श्रद्धापुर्वक चूम कर उठाया। (Motivational Stories | Stories)
किसान के चेहरे पर पहले तो हल्की सी मुस्कुराहट आई फिर आँखें नम हो गईं। उसने दोनों पुत्रों को बुलाकर पास बिठाया। बड़े पुत्र के सिर पर हाथ फेर कर पूछा, ‘‘बेटा तुमने औजार छोड़कर धन की थैली क्यों उठाई?’’
लड़का बोला, ‘‘पिता जी, धन में सबसे ज्यादा ताकत होती है, इसके बल पर मैं सुख आराम की हर चीज जुटा सकता हूँ, और मजे से रह सकता हूँ।’’ (Motivational Stories | Stories)
किसान कुछ न बोला वह छोटे पुत्र की ओर मुड़ा तथा उसके कंधे को थपथपाते हुए बोला, ‘‘बेटा, तुमने धन छोड़कर यह हल कुदाल आदि क्यों लिया?’’
छोटा लड़का मुस्कुराया और बोला, पिता जी, मैं समझाता हूँ। इनसे बड़ी चीज और दुनिया में कोई नहीं है। भईया ने जो धन की थैली ली है। जरा सोचें, आखिर वह आई कहाँ से है? इसी हल कुदाल के बल बूते पर ही तो। (Motivational Stories | Stories)
धन बड़ा होता है, यह ठीक है पर उससे भी बड़ा होता है वह साधन जो कि उसको जन्म देता है। जरा बताईये, अगर भईया ने इस धन का सही उपयोग न किया तो क्या होगा, पैसा भी हाथ से निकल जाएगा, और हाथ में कुछ भी नहीं रह जाएगा।
और यह हल कुदाल इसकी मदद से तो मैं मेहनत करके इससे बड़ी थैली का धन कमा सकता हूँ। आखिर हमारे पास अन्न से भरी उपजाऊ जमीन जो है। इस धन की थैली का क्या भरोसा, कब तक चले, और किस रास्ते पर ले जाए? (Motivational Stories | Stories)
हल कुदाल ने मेरा मेहनत भरा भविष्य तो लिख दिया है, थैली लेकर तो अंजान भविष्य ही सामने पाता?
अब आप ही बताईये, मैंने ठीक किया कि गलत। (Motivational Stories | Stories)
किसान पिता की आँखों में आँसू छलछला आए। उसने गर्व से अपने छोटे पुत्र को गले लगा लिया। बोला, ‘‘बेटा, तुमने मेरा कलेजा ठंडा कर दिया, अब मुझे इस बात की
चिंता नहीं रहेगी कि पता नहीं हमारी उपजाऊ भूमि का क्या हाल हो रहा होगा। आखिर वह कितनों का पेट भरती है यह तो तुम जानते ही हो। अच्छा बच्चों हमारा तुमको आखिरी आर्शीवाद यही है कि तुम लोग खूब तरक्की करो। यह कह कर उसने एक लंबी साँस ली। सहसा ही उसकी आँखें मुंद चुकी थीं। दोनों पुत्र हतप्रभ से अपने पिता की ओर देख रहे थे। (Motivational Stories | Stories)
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