शिक्षाप्रद कहानी : बुरे सोच का बुरा नतीजा शिक्षाप्रद कहानी (Inspirational Child Story) : बुरे सोच का बुरा नतीजा - एक गाँव में दो दोस्त रहते थे। एक दोस्त सब्जी बेचने का काम करता था और दूसरा मिट्टी के बर्तन बनाने वाला कुम्हार था। सब्जी वाला बहुत नेक और अच्छे मन का व्यक्ति था जबकि कुम्हार का मन और स्वभाव ठीक नहीं था। By Lotpot 28 Jun 2021 | Updated On 28 Jun 2021 12:59 IST in Stories Moral Stories New Update शिक्षाप्रद कहानी (Inspirational Child Story) : बुरे सोच का बुरा नतीजा - एक गाँव में दो दोस्त रहते थे। एक दोस्त सब्जी बेचने का काम करता था और दूसरा मिट्टी के बर्तन बनाने वाला कुम्हार था। सब्जी वाला बहुत नेक और अच्छे मन का व्यक्ति था जबकि कुम्हार का मन और स्वभाव ठीक नहीं था। जब कभी सब्जी वाले को ज्यादा मुनाफा मिलता तो कुम्हार मन ही मन जल भुन जाता था। एक बार दोंनो दोस्तों ने यह फैसला किया वे एक ऊँट खरीद लेते हैं ताकि उसपर बैठकर दोनों शहर के बाजार में अपना अपना माल बेच सके। तो दोनों ने मिलकर एक ऊँट खरीद लिया और अगले दिन उसपर बैठकर अपना अपना माल बेचने निकले। सब्जी वाला अपनी सब्जियों का टोकरा लेकर आगे बैठ गया और कुम्हार ने अपने मिट्टी के बर्तनों को ऊँट के एक तरफ लटका कर पीछे बैठ गया। ऊँट धीरे धीरे शहर की तरफ़ बढ़ने लगा। आधे रास्ते तक पहुँचते पहुँचते ऊँट को भूख लगी , उसे तरह तरह की सब्जियों की खुशबू आ रही थी। उसने अपनी गर्दन घुमाई और सब्जी की टोकरी में से सब्जियां खाने लगा। सब्जी वाले ने अपना नुकसान होते हुए देखा लेकिन भूखे ऊँट को उसने कुछ नहीं कहा। उधर कुम्हार ने जब देखा कि ऊँट सब्जियां खा रहा है तो मन ही मन यह सोचकर बहुत खुश हुआ कि सब्जी वाले का काफी नुकसान हो गया। ऊँट ने थोड़ी सब्जी खाई और वापस चलने लगा। कुम्हार हिसाब लगाने लगा कि आज जब वो अपने मिट्टी के बर्तन बेचेगा तो उसकी खूब कमाई होगी जबकि सब्जी वाले की कमाई कम होगी। खुशी से वो फूला नहीं समा रहा था जबकि सब्जी वाला उदास बैठा था। आखिर शहर की मंडी में पहुंचकर ऊँट को रोका गया। ऊँट धीरे से रुका और ज़मीन पर बैठकर अपने पीठ पर सवार मालिकों के उतरने का इंतज़ार करने लगा। जैसे ही दोनों दोस्त नीचे उतरे तो ऊंट ने एक जोरदार करवट ली और उसकी पीठ के एक तरफ लटके सारे मिट्टी के बर्तन भड़भड़ाकर टूट गए। कुन्हार की आँखे फ़टी की फटी रह गई। उसका एक भी बर्तन साबुत नहीं बचा था। उधर सब्जी वाले की टोकरी में अभी भी काफी सब्जियां बची रह गई थी। नेक सब्जी वाले ने अपनी सब्जियों को अच्छे दामों पर बेच दिया और दोनों वापस ऊँट की पीठ पर सवार होकर गाँव लौट आये। कुम्हार की उदासी देखकर सब्जी वाले ने अपनी कमाई में से आधा उसे देते हुए कहा, "दोस्त, उदास क्यों होते हो, देखना कल तुम्हें अच्छा मुनाफा मिलेगा। हम मिट्टी के बर्तनों को कल सम्भाल कर ले जाएंगे।" अपने दोस्त की नेकदिली देख कर कुम्हार को अपनी सोच पर बहुत पछतावा हुआ। बच्चों इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि हमें कभी किसी दूसरे के लिए बुरा नहीं सोचना चाहिए वर्ना अपना ही बुरा होता है। Inspirational Child Story : तोते की सीख Inspirational Child Story: शिक्षा देती बाल कहानी : लालच का फल Inspirational Child Story : किस्मत का चक्कर Like us : Facebook Page #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article