चालाक चिंटू ने मानी ग़लती | हिंदी कहानी
चिंटू एक ऐसा लड़का था, जो स्कूल, घर, और दोस्तों के बीच अपनी चालाकी से मशहूर था। उसके पास हर किसी से पैसे ऐंठने का कोई न कोई नया बहाना होता था। लेकिन उसकी चालाकियां हमेशा उसे ही फायदे में नहीं रखती थीं
चिंटू एक ऐसा लड़का था, जो स्कूल, घर, और दोस्तों के बीच अपनी चालाकी से मशहूर था। उसके पास हर किसी से पैसे ऐंठने का कोई न कोई नया बहाना होता था। लेकिन उसकी चालाकियां हमेशा उसे ही फायदे में नहीं रखती थीं
एक बार की बात है, हरे-भरे जंगल में एक छोटा सा खरगोश, जिसका नाम चीकू था, अपने माता-पिता के साथ रहता था। चीकू बहुत आलसी था। वह हमेशा अपनी मम्मी-पापा के कहने पर भी काम करने से कतराता। हर बार मम्मी उसे समझातीं,
एक छोटी से कालोनी में रवि नाम का एक होशियार लड़का रहता था। रवि पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे मेहनत करने में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं थी। वह हमेशा अपने दोस्तों से कहता,
गौरव एक होशियार और जिज्ञासु लड़का था, लेकिन उसे होमवर्क करना बिलकुल पसंद नहीं था। स्कूल से आते ही उसका मन टीवी देखने या वीडियो गेम खेलने में लग जाता। हर दिन उसकी मम्मी उसे डांटतीं,
एक बार की बात है, एक घने जंगल में हाथी राजा बबलू रहते थे। बबलू बहुत बड़े, मजबूत और दिल के साफ थे, लेकिन उनके बारे में एक समस्या मशहूर थी—वे बेहद भूलक्कड़ थे।
यह कहानी सुभाषचंद्र बोस के छात्र जीवन की है, जहां वे सर्दी में भी सामान्य कपड़ों में पढ़ाई करते थे। एक अंग्रेज प्रिंसिपल ने उनसे ठंड न लगने का कारण पूछा। सुभाष ने समझाया कि आदतें हमें सहनशील बनाती हैं।
यह कहानी नवनीत और उसके दादा जी की है, जहां दादा जी उसे बैल की मेहनत और मूर्खता की कथा सुनाते हैं। बैल मेहनती थे, लेकिन पुआल को चुनकर अपनी मूर्खता साबित कर दी। कहानी सिखाती है कि मेहनत के साथ समझदारी भी जरूरी है, तभी सच्ची सफलता मिलती है।