मज़ेदार कहानी : घमंडी खींचू खटमल और मेहनती चींटी
खींचू खटमल और रिंकी चींटी में बहुत अच्छी दोस्ती थी। दोनों एक साधारण से घर में रहते थे। खींचू खटमल बूढ़े मकान मालिक की चारपाई में रहता था, जबकि रिंकी चींटी उसी कमरे में एक छोटे से बिल में रहती थी।
खींचू खटमल और रिंकी चींटी में बहुत अच्छी दोस्ती थी। दोनों एक साधारण से घर में रहते थे। खींचू खटमल बूढ़े मकान मालिक की चारपाई में रहता था, जबकि रिंकी चींटी उसी कमरे में एक छोटे से बिल में रहती थी।
रतन टाटा जी से एक बार एक रेडियो प्रेजेंटर ने पूछा, "सर, जीवन में आपको सबसे ज्यादा खुशी कब मिली?" रतन जी ने जवाब दिया, "मैंने अपने जीवन में चार चरणों को पार किया और अंत में सच्ची खुशी का अर्थ समझा।"
एक हरे-भरे जंगल में एक सुंदर मोर रहता था। उसकी चमकीली, रंग-बिरंगी पंखों वाली पूंछ देखकर सभी जानवर उसकी प्रशंसा करते थे। वह हर सुबह नदी किनारे जाकर अपने पंख फैलाकर नाचता और अपने ही रूप में मगन हो जाता।
विद्यालय में पी.टी. के शिक्षक सर मेलन बच्चों के खेलते समय उनकी सावधानी पर नजर रख रहे थे। सभी छात्र खेल के मैदान में अपनी ऊर्जा के साथ झूम रहे थे, लेकिन सर की नजरें एक विशेष घटना पर टिक गईं।
एक बार की बात है, जंगल के एक हिस्से में भूखा भालू टहल रहा था। उसका पेट भूख से मरोड़ खा रहा था और उसे कुछ खाने की तलाश थी। तभी उसने दूर से एक लोमड़ी को देखा, जो बड़े मजे से मांस खा रही थी।
एक समय की बात है, घने जंगल में शेरू नाम का एक शेर रहता था। शेरू जंगल का राजा था और उसकी मजबूत दुम उसकी पहचान थी। एक दिन, शेरू अपने दोस्तों के साथ जंगल में खेल रहा था।
असली ज्ञान की खोज- एक संत थे, जो सच्चे ज्ञान की प्राप्ति के लिए दिन-रात साधना और तपस्या में लीन रहते थे। उनका एक ही लक्ष्य था - सभी विद्याओं का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करना। उन्होंने माटी के दीपक की मंद रोशनी में रात-रात भर अध्ययन किया।