Motivational Story - चिड़िया की समझदारी: संकट से पहले की तैयारी

चिड़िया का बच्चा पूरा दिन अपने घोंसले में आराम से रहता था और चिड़िया बेफिक्र होकर भोजन की तलाश करने निकल जाती थी। चिड़िया ने देख-भाल कर अपना घोंसला खेत की सबसे मजबूत डाली पर बनाया था

New Update
Motivational Story  Bird wisdom Preparation before crisis
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Motivational Story - चिड़िया की समझदारी: संकट से पहले की तैयारी- चिड़िया का बच्चा अपनी मां से बोला, ‘‘मां हमें जल्दी से जल्दी यह जगह छोड़नी पड़ेगी’’

चिड़िया का बच्चा पूरा दिन अपने घोंसले में आराम से रहता था और चिड़िया बेफिक्र होकर भोजन की तलाश करने निकल जाती थी। चिड़िया ने देख-भाल कर अपना घोंसला खेत की सबसे मजबूत डाली पर बनाया था अब फसल पक कर तैयार थी। रोज, जब चिड़िया बाहर जाती तो अपने बच्चे को समझा कर जाती थी कि वे आसपास होने वाली बातें ध्यान से सुनें और उसे पूरी बात बतायें।

Motivational Story  Bird wisdom Preparation before crisis

एक दिन जब चिड़िया घोंसले पर वापिस आई तो बच्चे ने उसे बताया, ‘‘मम्मी, किसान अपनी फसल देखने आया था और बोल रहा था कि कल वह मजदूरों को फसल काटने के लिए लायेगा। इससे पहले कि वे लोग हमारा घोंसला नष्ट करें हमें यह जगह छोड़ देनी चाहिए।’’ लेकिन चिड़िया घबराई नहीं।

अगले दिन भी खबर कुछ अच्छी नहीं थी। शाम को जब चिड़िया घोंसले पर आई तो बच्चा बोला, ‘‘मां, अब हमें खतरा मोल नहीं लेना चाहिए। किसान आज फिर आया था और कह रहा था कि मजदूर तो मिले नहीं अतः कल वह अपने पड़ोसियों के साथ फसल काटने आयेगा। अगर वह अपने पड़ोसियों के साथ आ गया तो हमारा घांेसला नष्ट हो जायेगा। फिर हम क्या करेंगे?’’

यह सुनकर भी चिडियां विचलित नहीं हुई और बोली, ‘‘तुम लोग परेशान मत हो, कुछ भी नहीं होगा?’’

तीसरे दिन जब चिडिया घोंसले पर वापिस आई तो बच्चे फिर घबराये हुये थे। वे बोले, ‘‘मां, आज तो पक्का हमें घोंसला छोड़ना पड़ेगा क्योंकि आज फिर किसान आया था और कह रहा था कि पड़ोसी तो अपने-अपने खेतों पर व्यस्त है इसलिए कल मैं अपने रिश्तेदारों को लेकर आऊंगा फसल काटने के लिए।’’ और बच्चा ये देख कर अचंभित था कि चिड़िया अब भी बड़ी शांत थी। बच्चा ये सोच-सोच कर परेशान था कि, अगर किसान और उसके रिश्तेदार फसल काटने आ गये तो उनके घोंसले का क्या होगा?

चैथे दिन जब बच्चे ने चिड़िया को बताया कि आज भी किसान आया था और कह रहा था कि उसने बहुत इंतजार कर लिया किन्तु अब वह किसी की मदद का इंतजार नहीं करेगा और कल स्वंय ही फसल काटने आयेगा, तो चिड़िया बोली, ‘‘अब हमें यह घोंसला छोडना होगा।’’

उसकी बात सुन कर बच्चा हैरान था वह बोला, ‘मैं इतने दिनों से कहर रहा था, तब आप चिंतित नहीं हुई, फिर आज क्या हुआ?’’

Motivational Story  Bird wisdom Preparation before crisis

चिड़िया बोली, ‘‘जब तक कोई व्यक्ति अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है, यह बिल्कुल निश्चित नहीं होता कि उसका काम पूरा होगा भी या नहीं। किन्तु जब वही काम वह खुद करने का निश्चय करता है, काम पूरा होना तय हो जाता है ऐसा ही किसान के साथ हुआ जब तक वह फसल काटने के लिए मजदूरों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों पर निर्भर कर रहा था, मुझे चिंता नहीं थी किन्तु अब कल वह स्वंय फसल काटने आयेगा। इसलिए कल यह काम हो जायेगा इसलिए अब हमें यह घोंसला छोड़ना पड़ेगा।’’ और सुबह होने से पहले ही चिड़िया अपने बच्चे को लेकर एक सुरक्षित स्थान पर चली गई।

कहानी से सीख : 

 कहानी हमें सिखाती है कि जब तक कोई व्यक्ति दूसरों पर निर्भर रहता है, उसके काम की सफलता निश्चित नहीं होती। खुद अपने कार्य करने का निर्णय लेना अधिक महत्वपूर्ण है।

#Hindi Motivational Story #Kids Hindi Motivational Stories #bachon ki motivational story #bachon ki hindi motivational story #hindi motivational story for kids