Bal Kavita: बच्चे हम By Lotpot 08 Jan 2024 in Poem New Update बच्चे हम बच्चे हम नन्हें वीर निराले हम, भारत के रखवाले हम,आगे बढ़ते जाएँ हम। पीछे पग न हटायें हम,आँधी आये हमें न गम। दुःख में बैठ न रोते हम,जीवन व्यर्थ न खोते हम। मुश्किल से तो लड़ते हम,आपस में न झगड़ते हम। सच को गले लगाते हम,झूठे को ठुकराते हम। जो कहते हैं करते हम,प्रण से कभी न टरते हम। कहने को तो बच्चे हम,अपनी धुन के सच्चे हम। lotpot | lotpot-e-comics | hindi-bal-kavita | bal-kavita | manoranjak-bal-kavita | kids-poem-in-hindi | hindi-poem | kids-rhymes | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-kvitaa | baal-kvitaa | हिंदी कविता यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: ज्योतिषी चूहा Bal Kavita: सांता क्लॉज़ आया Bal Kavita: चूहों की शैतानी Bal Kavita: निराला पैसा #लोटपोट #Lotpot #बाल कविता #bal kavita #manoranjak bal kavita #लोटपोट इ-कॉमिक्स #Hindi Poem #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #kids rhymes #हिंदी कविता #kids poem in hindi You May Also like Read the Next Article