बाल कविता : चुन्नू भाई थे दो भाई

कविता 'चुन्नू भाई ने दो भाई' में दो भाइयों, चुन्नू और मुन्नू की कहानी को दर्शाया गया है, जो एक रसगुल्ले के लिए आपस में लड़ते हैं। इस कविता के माध्यम से बच्चों को साझेदारी और आपसी समझदारी का महत्व सिखाया जाता है।

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Bal Kavita Chunnu Bhai has two brothers
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कविता 'चुन्नू भाई ने दो भाई' में दो भाइयों, चुन्नू और मुन्नू की कहानी को दर्शाया गया है, जो एक रसगुल्ले के लिए आपस में लड़ते हैं। इस कविता के माध्यम से बच्चों को साझेदारी और आपसी समझदारी का महत्व सिखाया जाता है। चुन्नू और मुन्नू, दोनों ही रसगुल्ले का आधा-आधा हिस्सा लेने की बात करते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि साझा करने से न केवल संघर्ष समाप्त होता है, बल्कि प्रेम और सौहार्द भी बढ़ता है।

कविता के माध्यम से बच्चों को यह भी सिखाया जाता है कि समस्याओं का समाधान आपसी बातचीत और समझौते से किया जा सकता है। इस कविता की मुख्य शिक्षा यह है कि भाईचारे और प्रेम के साथ रहने से हर समस्या का हल निकल सकता है।

हिंदी कविता : चुन्नू भाई ने दो भाई

चुन्नू भाई ने दो भाई।

रसगुल्ले पर हुई लड़ाई।।

चुन्नू बोला- मैं भी लूँगा।

मुन्नू बोला- मैं भी लूँगा।।

झगड़ा सुनकर मम्मी आई ।

झोली को दो चपत लगाई।।

आधा तू ले चुन्नू बेटा।

आधा तू ले मुन्नू बेटा।।

ऐसा झगड़ा कभी ना करना।

दोनों मिलकर प्रेम से रहना।।

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