Bal Kavita: नगाड़े जैसा पेट By Lotpot 16 Jan 2024 in Poem New Update नगाड़े जैसा पेट नगाड़े जैसा पेट लक्ष्मी चन्द शहर के सेठ,बढ़ा नगाड़े जैसा पेट। खाना, पीना बस आराम,और नहीं कुछ उनका काम। छकते रबड़ी, मेवा, चाट,सदा तोड़ते रहते खाट। उखड़ा दर्द पेट में जोर,“मुझे बचाओ" करते शोर। आये शीघ्र डॉक्टर कार,ठोंके इंजेक्शन दो-चार। कहा इन्हें जो बहुत पसंद,वह सब खाना कर दो बन्द। देना सिर्फ मूंग की दाल,वरना, गड़ बड़ होगा हाल। lotpot-e-comics | hindi-bal-kavita | manoranjak-bal-kavita | kids-rhymes | kids-hindi-poems | kids-hindi-rhymes | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | बाल कहानी | हिंदी बाल कहानी यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: गुड़िया Bal Kavita: मेंढक मामा Bal Kavita: मौनी बाबा Bal Kavita: पेट #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #bal kavita #manoranjak bal kavita #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #Hindi Bal Kavita #kids rhymes #kids hindi rhymes #kids hindi poems You May Also like Read the Next Article