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हो जाओ तैयार
हो जाओ तैयार
भालू काका से बन्दर की,
हुई अचानक भेंट,
बोला-भैया बड़ा बुरा है,
अपना पापी पेट।
मिलना नहीं घूमने पर भी,
खाने का सामान,
दिखा रहा है उधर मुटल्ला,
हाथी अपनी शान।
खुश है गैंडा, लोमड़ भी खुश,
और हिरण के ठाट,
भैया अपने बुरे हाल हैं,
मिला न कोई घाट।
अगर शहद का छत्ता कोई,
मिल जाए इस बार,
मन जाएगा मेरा भी इस,
जंगल में इतवार।
बन्दर बोला भालू से तब,
करो न हा-हाकार,
कल अच्छा दिन भी आएगा,
हो जाओ, तैयार।
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