Bal Kavita: जब तक जियो

By Lotpot
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जब तक जियो

जब तक जियो

नफरत नहीं किसी से करना,
प्यार सभी से करना जी।

पग-पण पर मुश्किल आयेगी,
मुश्किल से क्‍या डरना जी।

हिम्मत अपनी मेहनत अपनी,
ऊँची नीची राहों में।

पावों में मंजिल है अपनी,
ताकत अपनी बाहों में।

जब तक जियो, जियो हँस हँस कर,
एक दिन सबको मरना जी।

नये नये दुःख रोज़ मिलेंगे,
दुख में कैसा घबराना।

हमको तो राहों में अपनी,
हरदम है बढ़ते जाना।

तोड़ पत्थरों बहता,
जैसे पहाड़ का झरना जी।

सारी दुनिया घर अपना है,
एक बड़ा परिवार कहो।

जुड़े सभी जन एक डोर से,
इसे स्नेह या प्यार कहो।

जो राहों में बाधा डाले,
उस पर देंगे धरना जी।

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