बाल कविता : दिशाओं का ज्ञान

दिशाओं का ज्ञान- यह कविता बच्चों को सरल और रोचक तरीके से चारों दिशाओं का ज्ञान कराती है। रोज़मर्रा के जीवन में दिशाओं का महत्व बहुत बड़ा है। जब हम सूरज को उगते हुए देखते हैं

ByLotpot
New Update
Dishaon-ka-gyan

Child Poem Knowledge of directions

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

दिशाओं का ज्ञान- यह कविता बच्चों को सरल और रोचक तरीके से चारों दिशाओं का ज्ञान कराती है। रोज़मर्रा के जीवन में दिशाओं का महत्व बहुत बड़ा है। जब हम सूरज को उगते हुए देखते हैं तो हमें यह पता चलता है कि वह पूरब दिशा में निकलता है। यही प्राकृतिक संकेत हमें दिशाओं को पहचानने में मदद करते हैं।

कविता में यह समझाया गया है कि जब हम उगते सूरज की ओर मुँह करके खड़े होते हैं, तो हमारे सामने पूरब होता है। हमारे पीछे पश्चिम दिशा होती है, जहाँ सूरज डूबता है। हमारे बाईं ओर उत्तर और दाईं ओर दक्षिण दिशा होती है।

इस कविता के ज़रिए बच्चों में न केवल दिशाओं की समझ विकसित होती है, बल्कि यह भी सिखाया जाता है कि प्रकृति से सीखकर हम किस तरह अपना मार्ग तय कर सकते हैं। कविता की भाषा सरल, लयबद्ध और बच्चों के लिए अनुकूल है। यह कविता छोटे बच्चों को दिशाओं का परिचय कराने का एक सुंदर और रचनात्मक प्रयास है।

दिशाओं का ज्ञान

उगता सूरज जिधर सामने,
उधर खड़े हो मुँह करके तुम।

ठीक सामने पूरब दिशा है,
और पीठ पीछे है पश्चिम।

बाईं ओर दिशा उत्तर की,
दाईं ओर तुम्हारे दक्षिण।

चार दिशाएँ होती हैं यों —
पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण।

और पढ़ें : 

आम की टोकरी - हिंदी कहानी

सर्दी पर बाल कविता - "जाड़ा"

प्रेम-प्रीत हो सबकी भाषा

बाल कविता : जनवरी की सर्दी

Tags : bachchon ki hindi poem | bachon ki hindi poems | bachon ki poem | Best hindi poems | hindi poem on clouds | hindi poem on Butterfly