बाल कविता - तपती गर्मी "गर्मी की तपिश और उमस भरे दिन, जब हर चीज़ पसीने में भीग जाती है और धूप से बचना मुश्किल हो जाता है। आंधी, धूल, और लू का सामना करते हुए, सबको इंतजार है उन काले बादलों का, जो राहत की बारिश लाकर गर्मी की विदाई करेंगे और हरियाली फिर से लौट आएगी।" By Lotpot 16 Aug 2024 in Poem New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 बाल कविता : "गर्मी की तपिश और उमस भरे दिन, जब हर चीज़ पसीने में भीग जाती है और धूप से बचना मुश्किल हो जाता है। आंधी, धूल, और लू का सामना करते हुए, सबको इंतजार है उन काले बादलों का, जो राहत की बारिश लाकर गर्मी की विदाई करेंगे और हरियाली फिर से लौट आएगी।" तपती गर्मी, जलता जीवन,हरदम बहता पसीना बन,नल का पानी जैसे बहता,वैसे ही तन-मन यह कहता। भीगे कपड़े, सब कुछ भीगा,सुखाने में हमको क्या मिला?धूप चमकती, ऊपर-नीचे,छाया जैसे भागे पीछे। तपते आंगन, जलते द्वारे,खेल कूद भी गए किनारे,बंद हुआ हर खेल हमारा,गर्मी का है दौर बेशुमार। चलती आंधी, धूल उड़ाती,लू भी जबरन घर में आती।चाहे जितना रोकें दरवाज़ा,फिर भी गर्मी करे तमाशा। अब आओ, बदली कजरारी,बरसो, और लाओ खुशहाली।दूर भगाओ गर्मी सारी,लाओ मौसम में नरमाई। बारिश की बूंदें जब गिरेंगी,धरती की प्यास तब बुझेगी।हरियाली फिर लौट आएगी,गर्मी की विदाई हो जाएगी। गर्मी का तांडव होगा खत्म,रिमझिम से भरेगा हर मन।आओ बादल, आओ सावन,लाओ फिर से मौसम पावन। यह भी पढ़ें:- हिंदी बाल कविता: तारों के संग आते दोस्ती की कविता: दोस्ती का जादू हिंदी बाल कविता: फलों का राजा आम हिंदी बाल कविता: अब न करूंगा मैं हंगामा हिंदी में कविता : बच्चों के खिलौने कितने प्यारे #poem #bachchon ki hindi poem #bachon ki hindi poem #bachon ki hindi poems You May Also like Read the Next Article