बाल कविता : बंदर मामा की नई शरारतें इस कविता में बंदर मामा की शरारतों का वर्णन किया गया है, जो बच्चों को मनोरंजन प्रदान करते हुए उन्हें सिखाती भी है कि कैसे खेल-खेल में जिम्मेदारी और सावधानी बरतनी चाहिए। बंदर मामा की हरकतें और उनका चुलबुलापन बच्चों को खूब भाता है। By Lotpot 23 Sep 2024 in Poem New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 बाल कविता : बंदर मामा की नई शरारतें- इस कविता में बंदर मामा की शरारतों का वर्णन किया गया है, जो बच्चों को मनोरंजन प्रदान करते हुए उन्हें सिखाती भी है कि कैसे खेल-खेल में जिम्मेदारी और सावधानी बरतनी चाहिए। बंदर मामा की हरकतें और उनका चुलबुलापन बच्चों को खूब भाता है। बंदर मामा फिर आया, केले की माला लाया। हंसी खुशी वितरित करे, चुलबुले शब्द सजाया। केले नहीं अब विकल पड़े, दिलदार सबके बन बैठे, पूछ रहे सब किसकी बारी, इशारों में सब समझाया। जब बच्चे खेल में खोए, मामा ने चुटकी ली, नन्हे फरिश्तों को जोड़े, बंदर मामा हंसाया। कूद फांद फिर मचाया, जीवन का रस बताया, बंदर मामा भाग दौड़ के, जीना कैसे सिखाया। सबक सिखाकर जा रहा, अपनी लीला दिखलाया, बंदर मामा की ये शरारतें, बच्चों का दिल बहलाया। बंदर मामा की ये कहानी, हर दिल को है भायी, जीवन की हर एक राह में, खुशियाँ ही खुशियाँ लायी। ये बाल कविता भी पढ़ें आपको पसंद आएगी बाल कविता : जंगल की शांतिभाई चारा: प्यार और मिलन की मिठासबाल कविता : मोर का नृत्यबाल कविता : नेक कामों की उमंग #bachchon ki hindi poem #bachon ki hindi poem #bachon ki hindi poems #Best hindi poems #Best hindi poems for kids You May Also like Read the Next Article