"चुनु-मुनु" दो भाइयों की प्यारी सी कविता

"चुनु-मुनु" एक मनोरंजक और शिक्षाप्रद कविता है जो दो प्यारे भाईयों की कहानी को मज़ेदार तरीके से प्रस्तुत करती है। इस कविता में चुनु और मुनु नाम के दो भाई एक रसगुल्ले को लेकर आपस में झगड़ने लगते हैं।

By Lotpot
New Update
chunnu-munnu-
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

"चुनु-मुनु" एक मनोरंजक और शिक्षाप्रद कविता है जो दो प्यारे भाईयों की कहानी को मज़ेदार तरीके से प्रस्तुत करती है। इस कविता में चुनु और मुनु नाम के दो भाई एक रसगुल्ले को लेकर आपस में झगड़ने लगते हैं। दोनों ही उसे खाना चाहते हैं और कहते हैं, "मैं भी लूँगा!" यह छोटी-सी बात देखते ही देखते लड़ाई में बदल जाती है।

फिर कहानी में मम्मी का प्रवेश होता है, जो बच्चों को समझदारी का पाठ पढ़ाती हैं। मम्मी दोनों को चपत लगाकर सिखाती हैं कि लड़ाई करना अच्छी बात नहीं होती। वह दोनों को बराबर-बराबर हिस्सा देती हैं और कहती हैं — "ऐसा झगड़ा कभी न करना, दोनों मिलकर प्रेम से रहना।"

यह कविता बच्चों को साझा करना, प्रेमपूर्वक रहना और झगड़े से बचना सिखाती है। कविता की भाषा सरल और लयबद्ध है, जिससे बच्चे इसे आसानी से याद कर सकते हैं और गुनगुना सकते हैं।

यह कविता न केवल मनोरंजन करती है बल्कि छोटे बच्चों में सामाजिक व्यवहार, भाई-बहन का स्नेह और पारिवारिक मूल्यों को भी मज़बूत करती है। शिक्षक और अभिभावक इसे बच्चों को पढ़ाकर उनके व्यवहार में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

चुनु-मुनु

चुनु-मुनु थे दो भाई,
रसगुल्ले पर हुई लड़ाई।
चुनु बोला - “मैं भी लूँगा”,
मुनु बोला - “मैं भी लूँगा।”

झगड़ा सुनकर मम्मी आई,
दोनों को दो चपत लगाई।
“आधा तू ले चुनु बेटा”,
“आधा तू ले मुनु बेटा।”

“ऐसा झगड़ा कभी न करना,
दोनों मिलकर प्रेम से रहना।”

और पढ़ें : 

आम की टोकरी - हिंदी कहानी

सर्दी पर बाल कविता - "जाड़ा"

प्रेम-प्रीत हो सबकी भाषा

बाल कविता : जनवरी की सर्दी

Tags : bachchon ki hindi poem | bachon ki hindi poem | bachon ki hindi poems | bachon ki poem | Best hindi poems | Best hindi poems for kids