मजेदार कविता 'लाल टमाटर'

यह कविता "लाल टमाटर" और "हरी मिर्ची" के बीच हुए एक मजेदार संवाद को प्रस्तुत करती है। टमाटर अपनी गोल-गोल और आकर्षक रूप-रंग की वजह से बच्चों का प्रिय है। वह खुद को सबसे प्यारा और भाता हुआ बताता है।

By Lotpot
New Update
Funny poem Red Tomato

Funny poem Red Tomato

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

यह कविता "लाल टमाटर" और "हरी मिर्ची" के बीच हुए एक मजेदार संवाद को प्रस्तुत करती है। टमाटर अपनी गोल-गोल और आकर्षक रूप-रंग की वजह से बच्चों का प्रिय है। वह खुद को सबसे प्यारा और भाता हुआ बताता है। दूसरी ओर, मिर्ची, जो पतली और तीखी है, अपनी खासियतों पर इतराती है। मिर्ची का मानना है कि उसकी तीखी प्रकृति उसे खास बनाती है, लेकिन टमाटर उसे यह समझाता है कि उसकी तीखापन कभी-कभी लोगों को परेशान करता है।

यह कविता न केवल मिर्ची और टमाटर की विशेषताओं को हास्यपूर्ण ढंग से दर्शाती है, बल्कि बच्चों को यह सिखाती है कि हर चीज की अपनी विशेषता होती है। टमाटर और मिर्ची के बीच की यह नोकझोंक हमें यह अहसास कराती है कि अलग-अलग गुणों के बावजूद, सभी का अपना महत्व है। इस प्रकार, यह कविता बच्चों के लिए मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी है।

लाल टमाटर

लाल टमाटर, लाल टमाटर,
मिर्ची बोली सुन लो आकर।
मैं पतली-सी हरी-हरी,
दौड़ लगाऊं खड़ी-खड़ी।

टमाटर बोला मिर्ची रानी,
क्यों इतना इतराती हो।
पतली-सी तुम, दम भी कम है,
क्यों गुस्सा मुझे दिलाती हो।

मैं बच्चों को प्यारा लगता,
गोल-गोल हूँ, सबको भाता।
तुम तो खूब रुलाती हो,
सबको दुख पहुँचाती हो।

और पढ़ें : 

आम की टोकरी - हिंदी कहानी

सर्दी पर बाल कविता - "जाड़ा"

प्रेम-प्रीत हो सबकी भाषा

बाल कविता : जनवरी की सर्दी