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गणेश चतुर्थी: बच्चों के लिए अनोखी कविता : - गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व बच्चों के लिए भी खास होता है, क्योंकि वे भगवान गणेश की मूर्ति सजाते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं, और ढेर सारी मस्ती करते हैं। इस कविता में बच्चों की मासूमियत और त्योहार की खुशी को एक नए अंदाज में व्यक्त किया गया है, जिससे यह कविता SEO के लिए भी उपयुक्त बनती है।
गणेश चतुर्थी आई रे!
गणपति बप्पा मोरया, सब मिल गाते जयकारा,
बच्चे खेलें ढोल-ताशे, सजाएँ प्यारा दरबारा।
बड़े कान और सूंड प्यारी, मोदक खाते हर दिन,
संकट हरण करने वाले, सबके प्यारे गणपति बिन।
लाल-पीले फूल चढ़ाएँ, आरती में सब झूमें,
बप्पा सबकी मन्नत सुनते, खुशी के दीप हम बूटें।
मिट्टी से बने मूर्तिकार, बनाते गणपति प्यारे,
हर गली में बप्पा की जय, बच्चों के मन में तारे।
विदाई पर आँखें नम हों, पर दिल में खुशी समाई,
अगले साल फिर आना बप्पा, हमें है आस लगाई।
अंतिम शब्द: यह कविता गणेश चतुर्थी के त्योहार की भावना, बच्चों की उत्सुकता और खुशी को दर्शाती है।