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बाल कविता - हमें पढ़ना है:- दोस्तों, आज हम एक ऐसी कविता की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो बच्चों के दिल को छू लेगी और उन्हें पढ़ाई के महत्व को समझाएगी। यह कविता “हमें पढ़ना है” नाम से है, जो माता-पिता के सपनों को पूरा करने और एक बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देती है। जब हम छोटे होते हैं, तो हमारे मम्मी-पापा हमें स्कूल भेजते हैं, किताबें पकड़ाते हैं, और कहते हैं कि पढ़ाई ही तुम्हारा भविष्य है। यह कविता उसी भावना को दर्शाती है—पढ़ाई को एक खेल की तरह अपनाना, जिसमें हर पन्ना नई दुनिया खोलता है।
इस कविता में हम देखेंगे कि कैसे संस्कार और आदर्श हमें इंसान बनाते हैं। हमारे गुरुजनों की सीख—चाहे वो शिक्षक हों या बड़े-बुजुर्ग—हमें सही रास्ता दिखाती है। यहाँ एक छोटा सा किस्सा भी जुड़ता है। एक बार एक बच्चा, रमेश, था, जो खेल-कूद में ही मस्त रहता था। मम्मी ने कहा, “बेटा, थोड़ा पढ़ लिया कर, वरना भविष्य में दिक्कत होगी।” रमेश ने हँसते हुए कहा, “मम्मी, खेलना ही तो अच्छा लगता है!” लेकिन एक दिन उसने देखा कि उसके दोस्त, जो पढ़ते थे, बड़े सपने देखने लगे। रमेश को एहसास हुआ कि पढ़ाई ही उसे नई उड़ान देगी।
यह कविता बच्चों को प्रेरित करती है कि वे मेहनत करें, किताबों के दोस्त बनें, और अपने माता-पिता के सपनों को साकार करें। इसमें जीवन के मूल्यों—सच्चाई, मेहनत और सम्मान—को जोड़ा गया है। तो चलो, इस कविता के साथ पढ़ाई के सफर पर निकलें और सीखें कि ज्ञान ही असली ताकत है!
हमें पढ़ना है
हमें पढ़ना है,
और खूब पढ़ना है,
आखिर मम्मी पापा के,
सपनों को पूरा जो करना है,
हमें पढ़ना है, और खूब पढ़ना है।
संस्कारों से भरा, आदर्शो से सजा,
जीवन ही असली मनुष्य जीवन है
अपने गुरुजनों की सीख को
जीवन में अपनाकर,
अच्छा नागरिक जो बनना है,
हमें पढ़ना है और खूब पढ़ना है।