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गुड़िया तू क्यों रोती है?
आंसू से मुंह धोती है।
चॉकलेट को रूठी है,
यह तो मेरी झूठी है।
झूठा खाते कभी नहीं,
लाती हूं मैं नई अभी।
यह कविता ममता, सच्चाई और एक बच्चे की मासूमियत को दर्शाती है। गुड़िया अपनी झूठी चॉकलेट पर गुस्सा करती है और मम्मी से शिकायत करती है। मम्मी उसे नई चॉकलेट का वादा करती हैं,
चॉकलेट- यह कविता ममता, सच्चाई और एक बच्चे की मासूमियत को दर्शाती है। गुड़िया अपनी झूठी चॉकलेट पर गुस्सा करती है और मम्मी से शिकायत करती है। मम्मी उसे नई चॉकलेट का वादा करती हैं, और इस छोटे से पल में ममता और सच्चाई का महत्व उभर कर आता है। यह कविता बच्चों को सिखाती है कि झूठ बोलने से कुछ नहीं मिलता और प्यार व सच्चाई से जीवन अधिक सुंदर होता है। यह माता-पिता और बच्चों के बीच के संबंध को बड़े सरल और मीठे अंदाज में प्रस्तुत करती है, जो बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी भावुक कर देती है
गुड़िया तू क्यों रोती है?
आंसू से मुंह धोती है।
चॉकलेट को रूठी है,
यह तो मेरी झूठी है।
झूठा खाते कभी नहीं,
लाती हूं मैं नई अभी।