चूहे को बुखार की कविता
यह कविता एक चूहे की है, जो सोमवार को बुखार से परेशान है। चूहा डॉक्टर के पास जाता है, जहां उसे सूई लगाई जाती है। डरते हुए चूहा डॉक्टर की सलाह मानता है कि आराम करने से वह जल्द ठीक हो जाएगा।
यह कविता एक चूहे की है, जो सोमवार को बुखार से परेशान है। चूहा डॉक्टर के पास जाता है, जहां उसे सूई लगाई जाती है। डरते हुए चूहा डॉक्टर की सलाह मानता है कि आराम करने से वह जल्द ठीक हो जाएगा।