Stories हिंदी मजेदार कहानी: जुगनू बाबू की पेंशन पचास वर्तष पहले का एक वाकया है, साठ वर्ष तक दफ्तर में सुख से राज करने के पश्चात् जुगनू बाबू रिटायर हुए और अपने घर में आ बैठे। पहली तारीख को उनकी पेंशन मनीआर्डर से घर पहुंचने लगी। By Lotpot 28 May 2024
Stories हिंदी मजेदार कहानी: इन्टरव्यू एक बार मास्टर हरीरामजी को नौकर की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने शहर में ढिंढोरा पिटवा दिया कि एक नौकर की आवश्यकता है। यह खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई। By Lotpot 27 May 2024
Stories हिंदी प्रेरक कहानी: मातृ भक्त बालक करीब 550 वर्ष पहले की बात है, यूरोप में उन दिनों कई छोटे-छोटे राज्य थे। प्रत्येक राज्य एक दुसरे का दुश्मन था। अक्सर उनमें युद्ध होता रहता था। सिलो और मेडोन ऐसे ही राज्य थे। By Lotpot 27 May 2024
Stories हिंदी प्रेरक कहानी: परदुःख कातरता एक बार चैतन्य महाप्रभु और रघुनाथ पण्डित नौका विहार कर रहे थे। बातचीत के दौरान महाप्रभु ने कहा, मैंने न्याय शास्त्र पर एक ग्रंथ की रचना की है। मेरी इच्छा है कि उसका कुछ अंश आपको सुनाऊँ। By Lotpot 24 May 2024
Stories हिंदी मजेदार कहानी: गोल-गोल रसगुल्ले मई की पच्चीस तारीख, शाम के पांच बजे पिद्दी पहलवान यानी पदमश्री लाल अपने परम मित्र हलवाई पुराणमल की दुकान पर आकर बैठ गये। अभी-अभी वे धन्नूमल के अखाड़े से कुश्तियां देख कर आ रहे थे। By Lotpot 24 May 2024
Stories बच्चों की नैतिक कहानी: गणित का जादू घंटी बजी, छठी कक्षा में गणित के अध्यापक महोदय ने प्रवेश किया। उसके हाथ में छमाही परीक्षा की उत्तर-पुस्तिका थी। ज्यों ही वह कक्षा में घुसे, सभी छात्र उठ खड़े हुए। फिर उसके संकेत पर यथास्थान बैठ गये। By Lotpot 23 May 2024
Stories हिंदी प्रेरक कहानी: अद्भुत देशप्रेम घटना नेपोलियन के राज्यकाल की है। पेरिस की एक जेल में जर्मन के एक सैनिक को बंदी बनाकर रखा हुआ था। सर्दी का मौसम था। कुछ देर पहले बर्फ भी पड़ चुकी थी, उस कारण शीत लहर जोरों पर थी। By Lotpot 23 May 2024
Stories बच्चों की नैतिक कहानी: गुरु का आशीर्वाद बच्चों हमारी जिन्दगी में आशीर्वाद बहुत कीमती होता है। इसमें आशीष देने वालों का ढ़ेरों प्यार छिपा होता है। इसी संदर्भ में एक कहानी है कि एक बार एक गुरू घूमते-घूमते गांव पहुंचे तो लोगों ने ढेरों स्वागत किया। By Lotpot 22 May 2024
Stories हिंदी प्रेरक कहानी: मेहनत के रूपए कृष्णपुर का राजा अश्वसेन बहुत अत्याचारी था। एक बार उसने किसी निर्दोष आदमी को फांसी की सजा सुना दी। फांसी के फंदे पर लटकने के पूर्व उस आदमी ने राजा को शाप दिया, तुम निःसंतान मरोगे। By Lotpot 22 May 2024