छूटी मेरी रेल कविता – बच्चों के लिए मजेदार ट्रेन कविता हिंदी में
कविता “छूटी मेरी रेल” बच्चों के लिए बेहद मजेदार और कल्पनाशील कविता है। इसमें रेलगाड़ी (Train) का सफर और उसकी आवाज़ों को इतनी खूबसूरती से पिरोया गया है
कविता “छूटी मेरी रेल” बच्चों के लिए बेहद मजेदार और कल्पनाशील कविता है। इसमें रेलगाड़ी (Train) का सफर और उसकी आवाज़ों को इतनी खूबसूरती से पिरोया गया है
बचपन की दुनिया कितनी रंगीन होती है। न कोई चिंता, न कोई बोझ, बस हंसी-खुशी और ढेर सारी शरारतें। कविता “बहती नदिया छप-छप पानी” बच्चों के इन्हीं सुनहरे पलों को याद दिलाती है।
बचपन (childhood) हर किसी के जीवन का सबसे सुनहरा समय होता है। वह समय जब चेहरे पर बेफिक्र मुस्कान होती है और दिल में ढेर सारी मासूम शैतानियाँ। कविता “मुस्कान पुरानी” हमें उसी बचपन की गलियों में ले जाती है
बच्चों, आपने देखा होगा कि मौसम (weather) कभी अचानक बदल जाता है। अभी धूप खिली होती है और थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं, बिजली कड़कने लगती है और बरसात शुरू हो जाती है।
आज के समय में जब प्रदूषण (pollution) और ग्लोबल वार्मिंग (global warming) हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तब पेड़-पौधों का महत्व और भी बढ़ जाता है। पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन (oxygen) देते हैं, बल्कि धरती के तापमान को संतुलित रखते हैं,
बचपन (childhood) जीवन का सबसे प्यारा और मासूम दौर होता है। बच्चे अपनी छोटी-छोटी हरकतों, खेल और मासूम शरारतों से घर का माहौल खुशियों (happiness) से भर देते हैं। इसी मासूमियत और मस्ती को खूबसूरती से दर्शाती है
बचपन (childhood) ज़िंदगी का सबसे सुंदर समय होता है। इसी मासूमियत और सपनों भरी दुनिया को दर्शाती है कविता “हम बच्चे”। यह कविता बच्चों को उनके सपनों (dreams), कल्पनाओं (imagination) और उम्मीदों (hope) की ताकत दिखाती है।