बाल कहानी : भला कर भला हो
एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए, घर घर जा कर सामान बेचा करता था। एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि, अब वह जिस भी द्वार पर जायेगा
एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए, घर घर जा कर सामान बेचा करता था। एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि, अब वह जिस भी द्वार पर जायेगा
एक समय की बात है, राजा वीरेंद्र नामक एक बहादुर राजा था जो अपनी प्रजा के लिए बहुत कुछ करने के इच्छुक थे। उनका राज्य बहुत समृद्ध और खुशहाल था, लेकिन एक चीज जो राजा वीरेंद्र को हमेशा परेशान करती थी
एक बार भगवान बुद्ध ने हिमालय के जंगलों में सफेद हाथी बोधीसत्व के रूप में जन्म लिया, लेकिन हाथियों के जिस झुंड में ये सफेद हाथी रहता था, वे लोग बहुत ही निदर्यी थे, वे मासूम लोगों की बेवजह हत्या कर देते थे।
कही एक इंजीनियर रहता था, जो नहर का कार्यभार संभालता था। वही आदेश देता था कि किस क्षेत्र में पानी देना है। वह बहुत ईमानदार था । एक बार एक किसान ने उसे 1000 रुपये एक लिफाफे में देते हुए कहा,
एक छोटे से शहर में, जहाँ हर दिल में बड़े सपने पलते थे, वहीं रहता था आर्यन नाम का एक नन्हा बच्चा। आर्यन का मन हमेशा ऊँचे-ऊँचे सपने देखने में लगा रहता था, पर रोजमर्रा की जिंदगी उसे छोटे-छोटे कदमों में बाँध लेती थी।
शहर के एक बड़े स्कूल में रोहन नाम का एक लड़का पढ़ता था। रोहन बहुत ही होशियार था, लेकिन उसकी एक आदत थी – वह मेहनत करने से हमेशा बचता था। पढ़ाई में अच्छे अंक लाने के लिए भी वह शॉर्टकट ढूंढता रहता था।
यों तो आठवीं कक्षा के सभी बच्चे एक से बढ़कर एक थे, जिसे देखों कोई न कोई शरारत करता रहता था, पर अतुल तो पूरी कक्षा में पहले स्थान पर आता था ।