भोली चुहिया और चालाक बिल्ली
भोली चुहिया कमरे के एक कोने में अपने चार बच्चों के साथ बैठी थी। बच्चे अभी केवल एक दिन के ही थे इसलिए मम्मी चुहिया उन पर बहुत ध्यान दे रही थी।
भोली चुहिया कमरे के एक कोने में अपने चार बच्चों के साथ बैठी थी। बच्चे अभी केवल एक दिन के ही थे इसलिए मम्मी चुहिया उन पर बहुत ध्यान दे रही थी।
फुरफुरी वन में नया साल आने वाला था और सभी जानवर जोरों-शोरों से तैयारियों में जुटे थे। छोटे से चिल्लू गिलहरी की मम्मी ने भी अपने मेहमानों के स्वागत के लिए ढेर सारी मूंगफलियां खरीद रखी थीं।
एक हरे-भरे जंगल में एक सुंदर मोर रहता था। उसकी चमकीली, रंग-बिरंगी पंखों वाली पूंछ देखकर सभी जानवर उसकी प्रशंसा करते थे। वह हर सुबह नदी किनारे जाकर अपने पंख फैलाकर नाचता और अपने ही रूप में मगन हो जाता।
एक समय की बात है, घने जंगल में शेरू नाम का एक शेर रहता था। शेरू जंगल का राजा था और उसकी मजबूत दुम उसकी पहचान थी। एक दिन, शेरू अपने दोस्तों के साथ जंगल में खेल रहा था।
बहुत समय पहले की बात है, एक हरा-भरा जंगल था जिसमें सभी जानवर खुशी-खुशी रहते थे। इस जंगल में एक युवा हाथी, मोती, रहता था। मोती बहुत मजबूत और बुद्धिमान था
गर्मी का मौसम जंगल में दस्तक दे चुका था। हर जानवर पसीने से तरबतर था। उसी समय जंगल में यह खबर फैली कि सूरज का जल्द ही विवाह होने वाला है। इस खबर ने कुछ जानवरों को खुशी दी
दो गिलहरियाँ थीं, सिल्लू और गिल्लू। दोनों बहुत शरारती और चतुर थीं। अन्य गिलहरियों की तरह इन्हें भी चने और मक्का खाना बहुत पसंद था। उनका घर एक कुटिया के नीचे था।