Fun Story: बर्फ का होटल
राहुल हेलीकॉप्टर में बैठा था। उसका हेलीकॉप्टर नीले-नीले सागर के ऊपर उड़ रहा था। साथ बैठा गाइड उसे बता रहा था, "यह बाल्टिक सागर है। दूसरी ओर नार्थसागर है। ये दोनों ओर से स्वीडन को घेरे हुए हैं"।
राहुल हेलीकॉप्टर में बैठा था। उसका हेलीकॉप्टर नीले-नीले सागर के ऊपर उड़ रहा था। साथ बैठा गाइड उसे बता रहा था, "यह बाल्टिक सागर है। दूसरी ओर नार्थसागर है। ये दोनों ओर से स्वीडन को घेरे हुए हैं"।
मुल्ला नसीरूद्दीन ने एक आदमी से कुछ उधार लिया था। मुल्ला नसीरूद्दीन समय पर उधार चुका नहीं पाया और उस आदमी ने इसकी शिकायत बादशाह से कर दी। बादशाह ने मुल्ला को दरबार में बुलाया।
रतन और रोज़ी भाई बहन थे। दोनों अपनी विधवा मां के साथ एक गांव में रहते थे। एकबार पास के ही गांव में मेला लगा हुआ था। रतन और रोज़ी के दोस्त मेला देख आए थे। इन दोनों की भी इच्छा थी कि मेला देखने जाएं।
होली का उत्साह था और विजयनगर के राजदरबारियों की उमंग का ठिकाना नहीं था क्योंकि राजा कृष्णदेव राय होली के दिन मूर्खश्रेष्ठ का पुरस्कार दिया करते थे। हर बार यही होता था।
पंडित रामगुनी को होली के रसरंग से सख्त नफरत थी। वे इसे गंवारों का त्यौहार मानकर इससे कोसों दूर रहते। इस दिन सुबह से ही बैठक के भारी भरकम दरवाजे की कुंडी चढ़ाकर आराम से लेट जाते फिर किसकी औकात।
एक समय की बात है दियत्स नाम की नगरी एक नदी किनारे बसी हुई थी। वहां का राजा बहुत ही मूर्ख और सनकी था। एक दिन राजा अपने मंत्री के साथ संध्या के समय नदी के किनारे टहल रहा था। तभी उसने मंत्री से पूछा।
किसी गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण गरीब होते हुए भी सच्चा और इमानदार था। परमात्मा में आस्था रखने वाला था। वह रोज़ सवेरे उठ कर गंगा में नहाने जाया करता था। नहा धो कर पूजा पाठ किया करता था।