Fun Story: वान और मेंग
बहुत पहले की बात है। उन दिनों चीन की दीवार का निर्माण जोरों पर था। पुसान वंश का सम्राट शिह हुआंग बहुत दुष्ट था। दीवार के निर्माण के लिए उसने जबरन गांवों से अनेक किसानों को बुलवा लिया था।
बहुत पहले की बात है। उन दिनों चीन की दीवार का निर्माण जोरों पर था। पुसान वंश का सम्राट शिह हुआंग बहुत दुष्ट था। दीवार के निर्माण के लिए उसने जबरन गांवों से अनेक किसानों को बुलवा लिया था।
बहुत पुरानी बात है। हमारे गांव में एक सज्जन रहते थे, नाम था उनका मुंशी सजधज लाल, जैसा नाम था, वैसा ही काम भी था, मुंशी जी घर से बाहर जब भी निकलते, तब रेशमी कुर्ता, साफ सुथरी धोती पहनते।
किसी गांव में धनीराम नाम का एक किसान रहता था। बह 50 बीघा जमीन का मालिक था। उसका एक खेत मुख्य सड़क के किनारे पर था। उस खेत की फसल की रखवाली वह स्वयं करता था।
गोटू और मोटू जोकर थे। और वे डंबो सर्कस में काम करते थे। वे दोनों अच्छे मित्र थे। गोटू बहुत लंबा और पतला था, जबकि मोटू छोटा व मोटा था। एक दिन गोटू और मोटू सर्कस में करतब दिखा रहे थे।
पंडित रामगुनी को होली के रसरंग से सख्त नफरत थी। वे इसे गंवारों का त्यौहार मानकर इससे कोसों दूर रहते। इस दिन सुबह से ही बैठक के भारी भरकम दरवाजे की कुंडी चढ़ाकर आराम से लेट जाते फिर किसकी औकात।
कंस ने मथुरा के राजा वासुदेव से उनका राज्य छीनकर अपने अधीन कर लिया स्वयं शासक बनकर आत्याचार करने लगा। एक भविष्यवाणी द्वारा उसे पता चला कि वासुदेव और देवकी का आठवाँ पुत्र उसके विनाश का कारण होगा।
सरयू अकबर पुर में रहत था। वह बहुत गरीब था, बस लकड़ी बेचकर ही अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह जंगल में पहुँचा तो वहाँ भयानक आग लगी हुई थी। अभी वह अपने इस एक मात्र धंधे को चौपट होता देख ही रहा था।