Motivational Story: कीमत
एक जाने-माने व्यक्ति ने अपने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी बात शुरू की। उसने सामने बैठे सैकड़ों लोगों से पूछा, "ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?" एक साथ कई हाथ उस नोट को लेने के लिए उठे।
एक जाने-माने व्यक्ति ने अपने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी बात शुरू की। उसने सामने बैठे सैकड़ों लोगों से पूछा, "ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?" एक साथ कई हाथ उस नोट को लेने के लिए उठे।
एक विशेषज्ञ ‘समय प्रबंधन’ छात्रों को सम्बोधित कर रहा था। इस दौरान उसने छात्रों के सामने एक ऐसा उदाहरण रखा जो उन्हें सदैव याद रहा। उसके सभी छात्र सर्वोत्तम श्रेणी के थे जिनके सामने वह खड़ा था।
बनारस में एक बड़े धनवान सेठ रहते थे। वह विष्णु भगवान के परम भक्त थे और हमेशा सच बोला करते थे। एक बार जब भगवान सेठ जी की प्रशंसा कर रहे थे तभी माँ लक्ष्मी ने कहा, ”स्वामी, आप इस सेठ की इतनी प्रशंसा किया करते हैं।
किसी गांव में राम नाम का एक नवयुवक रहता था। वह बहुत मेहनती था, पर हमेशा अपने मन में एक शंका लिए रहता कि वो अपने कार्यक्षेत्र में सफल होगा या नहीं। कभी-कभी वो इसी शंका के कारण आवेश में आ जाता।
बहादुर सिंह गाँव के संपन्न किसानों में से एक थे। भरा पूरा घर था, किसी चीज़ की कमी ना थी। कमी थी तो बस एक चीज की, भगवान ने जितना दिया उससे कभी खुश नहीं रहते थे। बहादुर सिंह को हमेशा भगवान से यही शिकायत रहती थी।
दागिस्तान एक खुश्क मरूस्थल है, जहां चारों ओर रेत और पत्थरों के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता। वहां एक खुश्क मैदान के बीच एक छोटा सा पत्थर खड़ा है। जो एक बच्चे के समान प्रतीत होता है।
किसी गाँव में एक धनी सेठ रहता था उसके बंगले के पास एक जूते सिलने वाले गरीब मोची की छोटी सी दुकान थी। उस मोची की एक खास आदत थी कि वो जब भी जूते सिलता तो भगवान के भजन गुनगुनाता रहता था।