Motivational Story: दिवाली का जोश
दिवाली के दिन पटाखों की आवाज़ों की वजह से चंदन अपने कानों को हाथ से ढक रहा था ताकि पटाखों की आवाज़ उसके कानों में ना जाए। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा था। हर जगह पटाखे फूट रहे थे।
दिवाली के दिन पटाखों की आवाज़ों की वजह से चंदन अपने कानों को हाथ से ढक रहा था ताकि पटाखों की आवाज़ उसके कानों में ना जाए। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा था। हर जगह पटाखे फूट रहे थे।
जब अरुण छोटा था, तो वह बहुत आलसी और कभी कभी डरता भी था। जब कभी नई चीजों की बात आती थी, तो अरुण सोचता ही रह जाता था। वह कुछ भी नए काम करने से पहले बहुत सावधानी बरतता था। कई चीजों को करने से अरुण बहुत डरता था।
कमल ने अपनी गुल्लक ज़मीन पर उड़ेल दी। बहुत सारे सिक्के ज़मीन पर बिखर गये। कमल ने उन्हें गिनना शुरू कर दिया। उसका उस समय आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा जब उसने देखा कि वे सिक्के कुल मिलाकर 1000 रुपये के लगभग थे।
मेरा एक दोस्त मॉन्टी रॉबर्ट्स, जो सैन सिडरो में अपना एक पशु फार्म चलाता है। उसने अपना घर मुझे इस्तेमाल करने के लिए दिया, ताकि मैं वहां युवाओं के लिए कुछ इवेंट्स करवाकर पैसे कमा सकूं।
एक मोची भगवान का सच्चा भक्त था। जब वह प्रतिदिन जूते मरम्मत व गांठने का काम करता तो उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बहती रहती। वह मन ही मन कहता- हे भगवान! मैं कब आपके सुंदर मुख के दर्शन कर सकूंगा?
चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री था। एक अदने ब्राहमण से वह महामंत्री बना था। नंद के अपमान फलस्वरूप उसने प्रतिज्ञा की थी, ‘मैं नंद का वंश-वृक्ष समूल रूप से नष्ट कर दूंगा।’
छत्रपति शिवाजी एक कुशल शासक होने के साथ ही साथ अनुशासन प्रिय योद्धा भी थे। अपने किलों की सुरक्षा और सैनिक व्यवस्था के प्रति उनकी सजग दृष्टि रहती थी। उनके किलों में रायगढ़ का किला सबसे महत्वपूर्ण था।