बाल कविता : बंदर गया खेत में भाग
“बंदर गया खेत में भाग” बच्चों के लिए एक बेहद मनोरंजक और लयबद्ध कविता है, जो हास्य (humour) और कल्पना (imagination) से भरपूर है। यह कविता न केवल बच्चों को हँसाती है
“बंदर गया खेत में भाग” बच्चों के लिए एक बेहद मनोरंजक और लयबद्ध कविता है, जो हास्य (humour) और कल्पना (imagination) से भरपूर है। यह कविता न केवल बच्चों को हँसाती है
शिक्षक — हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक:- बच्चों, “शिक्षक” सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि वह प्रकाश है जो हमारे जीवन का अंधेरा मिटाता है। यह कविता हमारे प्यारे शिक्षकों को समर्पित है
बच्चों, गर्मी का मौसम (summer season) आते ही सबको सबसे पहले याद आता है – आम (mango)! कविता “छह साल की छोकरी” में एक प्यारी सी बच्ची अपनी टोकरी में आम भरकर लाती है और सबको बुलाती है।
कविता “मैं भी...” बच्चों के लिए एक प्यारी और मजेदार कहानी जैसी कविता है, जो दोस्ती, जिज्ञासा और नकल की आदत के बारे में सिखाती है। इस कविता में बत्तख का बच्चा और मुर्गी का चूज़ा दोनों साथ में रहते हैं।
बच्चों, सुबह का समय दिन का सबसे सुंदर और ताज़गी भरा समय (morning time for kids) माना जाता है। यही कारण है कि हमारी कहानियाँ और कविताएँ अक्सर सुबह की ताज़गी और नई शुरुआत से जुड़ी होती हैं।
कविता: गेंद- बचपन की यादों में गेंद (Ball) का एक खास स्थान होता है। गेंद सिर्फ एक खिलौना नहीं बल्कि बच्चों के लिए मनोरंजन (Entertainment) और सीखने (Learning) का साधन भी है।
बच्चों, आपने कभी सोचा है कि अगर पेड़ न हों तो हमारी धरती कैसी लगेगी? न हरियाली होगी, न ताज़ी हवा, न मीठे फल, न ठंडी छाया। इसलिए कहा जाता है कि पेड़ हमारे असली साथी (trees are our true friends) हैं।