Jungle Story: डॉ. की सलाह सच में काम आयी
उपवन में वर्षा की पहली फूहार पड़ी थी। चारों ओर जैसे हरियाली थिरक उठी थी। विविध रंग के फूल मुस्कुराते हुए अपनी भीनी-भीनी सुगंध का खजाना लुटा रहे थे। नदिया कल-कल कर गा उठी थी।
उपवन में वर्षा की पहली फूहार पड़ी थी। चारों ओर जैसे हरियाली थिरक उठी थी। विविध रंग के फूल मुस्कुराते हुए अपनी भीनी-भीनी सुगंध का खजाना लुटा रहे थे। नदिया कल-कल कर गा उठी थी।
लोटपोट वन में एक शेर और एक चूहा दोस्त थे, दोनों के घर पास-पास थे। दोनों में दोस्ती पक्की थी वो दोनों एक साथ खेलते थे और एक साथ घूमते थे। एक दिन शेर को एक शिकार मिला।
Jungle Story भगवान का दूत: उल्लू वन में सिर्फ उल्लू ही रहते थे। इसलिए उन्हें यह पता नहीं था कि उनके सिवा कोई ऐसा पंछी होता है जो दिन में भी देख सकता हो। एक दिन अचानक उल्लू वन में एक काला, लंबी चोंच वाला कौआ आ पहुँचा। उसने चश्मा पहन रखा था। उसकी गर्दन में एक थैला लटक रहा था। रात होतेे ही वन के उल्लू झुण्ड बनाकर उस विचित्र पंछी को देखने पहुँचे। एक उल्लू ने पास आकर उससे पूछा, आप कौन है? और कहाँ से आये हैं?
जंगल कहानी (Jungle Story): वनराज की अदालत - बंदर पेड़ों की डालियों पर झूलता हुआ आया और हथौड़ा उठाकर टन-टन-टन से घंटा बजा दिया। जिसकी आवाज सुनकर जंगली जानवर अपनी अपनी फरियाद लेकर बरगद के नीचे वाली अदालत में आ गए।
टेकापार के जंगल में जानवरों की खुशी का ठिकाना नहीं था। जंगल का कोना-कोना खुशियों से भर गया था। जंगल के बीचों-बीच एक संुदर-सा हेलीपेड जो बन गया था। खरगोश, हिरण,शाही,सियार सभी एक साथ उस ओर दौड़े चले जा रहे थे। उनका उत्साह देखते ही बनता था। उनमेें हेलीपेड देखने की होड़-सी लग गई थी।
Hindi Kids Story : गधेपन की हरकत - कालू सियार आज नदी पर बहुत ताव खा रहा था। गुस्से से उसके नथुने फड़क रहे थे। पर नदी तो नदी थी। वह तो वैसे ही मुस्कुराती बह रही थी। कालू नदी को बराबर कोसे जा रहा था और साथ में उसे देख लेने की धमकी भी दिये जा रहा था बात यह थी कि कुछ दिनों से कालू को नदी में केकड़े खाने को नहीं मिल रहे थे। उसे नदी पर शक था कि उसने केकड़ों को पानी के भीतर छिपा लिया हैं। यही वजह थी जिससे कालू नदी पर गुस्सा कर रहा था। कालू ने नदी से बदला लेने की सोच रखी थी। उसने काला रंग नदी को काला करने के लिए छोड़ दिया था।
जंगल कहानी (Hindi Jungle Story) नये साल का अमूल्य उपहार: रोमिका जंगल का शासक ‘राॅकी शेर’ प्रति वर्ष नये साल पर खूब खुशियाँ मनाया करता। नये साल की नूतन बेला में वह जंगल के समस्त प्राणियों को दावत देता और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाता।
खिल्लू खरगोश शुरू से ही पढ़ाकू रहा है। उसके बारे में सबका विश्वास है कि होनहार खिल्लू अवश्य ही उनके जंगल का नाम रोशन करेगा। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने नज़दीकी शहर वाले काॅलेज में दाखिला ले लिया। उसकी इच्छा थी कि वह पढ़ लिखकर वैज्ञानिक बने।
जंगल कहानी : पल्टू सियार का धोखा और मोनू भालू की माफ़ी :- सुजान वन में मोनू भालू और पिल्टू सियार दोनों की साईकिल की मरम्मत की दुकान थी। दोनों साईकिल के पंचर वगैरह बनाते थे। दोनों की दुकाने लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर थीं। दोनों के एक काम होने के बावजूद मोनू भालू के घर की स्थिति अच्छी नहीं थी। कभी-कभी दिनभर में एक भी पंचर ठीक करने को नहीं मिल पता था। इससे उसे अत्यन्त आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता था।