मोटू पतलू ई-कॉमिक्स: छः हाथ वाला पतलू बाबा
एक दिन पतलू डॉ. झटका के पहुँचता है और उसको बताता है कि झटके मेरे हांथों में ताकत नहीं रह गयी है, मैं कोई भी भारी सामान उठा नहीं पा रहा हूँ। पतलू की बात सुनकर डॉ. झटका पतलू को समझाता है।
एक दिन पतलू डॉ. झटका के पहुँचता है और उसको बताता है कि झटके मेरे हांथों में ताकत नहीं रह गयी है, मैं कोई भी भारी सामान उठा नहीं पा रहा हूँ। पतलू की बात सुनकर डॉ. झटका पतलू को समझाता है।
गर्मी की छुट्टियां ख़त्म होने वाली थीं, टीटा अपनी नानी के घर से लौट कर आ गया था। इधर नीटू और उसके साथी घर में आराम कर रहे थे। तभी टीटा वहां आता है और रोबो को सामने देख कर रोबो से पूछता है।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, सभी बच्चे अपने अपने नानी या दादी के घर पर छुट्टियां मनाने गए हुए थे। ऐसे ही मोटू और पतलू के पड़ोसी के यहाँ भी उनके नाती पोते आए हुए थे।
एक दिन की बात है नटखट नीटू टीटा और रोबो के साथ मूवी देख कर वापस आ रहा था, और वे सभी आपस में बातें कर रहे थे। नीटू बोल रहा था कि वाकई इंग्लिश फिल्मों की बात ही कुछ और है।
गर्मी की छुट्टियां चल रहीं थीं, चेलाराम सुबह सुबह उठ कर जलेबी खाने के लिए घर से बाहर निकले। अभी वो घर से थोड़ी दूर ही पहुंचे थे कि तभी उनके दोस्त पिंकू ने उन्हें आवाज़ दी।
एक दिन पपीताराम अपनी सेहत को लेकर थोड़ा परेशान हो गए, वो अपनी इस परेशानी से निजात पाने के लिए डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर के पास पहुंचते ही पपीताराम ने डॉक्टर साहब को गुड इवनिंग किया।
मई का महीना ख़त्म होने वाला था और गर्मी अपने चरम पर थी, मोटू और पतलू पसीने में लथपथ अपने घर में बैठ कर हाय गर्मी, हाय गर्मी की रट लगा रहे थे।