Stories Fun Story: घमंडी ज़मींदार किसी गांव में एक जमींदार रहता था। वह बड़ा अमीर परन्तु बड़ा घमंडी था। किसी किसान से मिलने या बात करने में उसकी इज्जत घटती थी। एक बार कुछ किसान मिलकर बात कर रहे थे। By Lotpot 12 Apr 2024
Stories Fun Story: बर्फ का होटल राहुल हेलीकॉप्टर में बैठा था। उसका हेलीकॉप्टर नीले-नीले सागर के ऊपर उड़ रहा था। साथ बैठा गाइड उसे बता रहा था, "यह बाल्टिक सागर है। दूसरी ओर नार्थसागर है। ये दोनों ओर से स्वीडन को घेरे हुए हैं"। By Lotpot 11 Apr 2024
Stories Fun Story: हैसियत मुल्ला नसीरूद्दीन ने एक आदमी से कुछ उधार लिया था। मुल्ला नसीरूद्दीन समय पर उधार चुका नहीं पाया और उस आदमी ने इसकी शिकायत बादशाह से कर दी। बादशाह ने मुल्ला को दरबार में बुलाया। By Lotpot 09 Apr 2024
Stories Fun Story: नटखट चुन्नू रोमा गिलहरी जाते-जाते अपने नटखट बेटे चुन्नू से बोली, “मैं भोजन की तलाश में बाहर जा रही हूं। तुम घर में ही रहना, बाहर मत निकलना झाड़ी के उस पार इंसानों की बस्ती है। वे हमारे लिए खतरनाक हैं"। By Lotpot 06 Apr 2024
Stories Fun Story: खुशियाँ लौट आईं प्रकाश आठवीं कक्षा में पढ़ता था। वह नित्य नियम से सवेरे जल्दी उठकर पार्क में घूमने जाया करता था। आज भी वह हमेशा की भांति पार्क से घूमकर लौटा तो मां ने उसे गिलास भर दूध लाकर दिया। By Lotpot 05 Apr 2024
Stories Fun Story: शेख का न्याय काफी पुरानी बात है, अरब में एक अरबपति सेठ रहा करता था। नाम था शेख इन्हास इबूने मूसा। सेठ इधर उधर भ्रमण करने का शौकीन था। एक बार उसने रेगिस्तान में यों ही इधर उधर घूमने फिरने की सोची। By Lotpot 01 Apr 2024
Stories Fun Story: बच्चे बचकर भागे रतन और रोज़ी भाई बहन थे। दोनों अपनी विधवा मां के साथ एक गांव में रहते थे। एकबार पास के ही गांव में मेला लगा हुआ था। रतन और रोज़ी के दोस्त मेला देख आए थे। इन दोनों की भी इच्छा थी कि मेला देखने जाएं। By Lotpot 29 Mar 2024
Stories Fun Story: इमानदार बना बेईमान बहुत समय पहले सूरतगढ़ नाम का एक छोटा सा राज्य हुआ करता था। वहां का राजा सनक सिंह अपने नाम के अनुरूप ही अत्यंत सनकी स्वभाव का था। उसकी सनक के कारण प्रजा कई बार परेशानी में पड़ जाती थी। वह तो राज्य का सौभाग्य था। By Lotpot 26 Mar 2024
Stories Fun Story: मूर्खश्रेष्ठ मैं नहीं तो कौन होली का उत्साह था और विजयनगर के राजदरबारियों की उमंग का ठिकाना नहीं था क्योंकि राजा कृष्णदेव राय होली के दिन मूर्खश्रेष्ठ का पुरस्कार दिया करते थे। हर बार यही होता था। By Lotpot 23 Mar 2024