Moral Story: रूपयों से खुशियाँ नहीं आती
एक शहर में एक धनवान व्यक्ति रहता था। वह बहुत बड़ा व्यवसायी था और उसके पास किसी भी वस्तु की कमी नहीं थी लेकिन फिर भी वह हमेशा चिंतित और बेचैन रहता था। एक दिन वह एक गाँव में ऋषि से मिलने उनके आश्रम गया।
एक शहर में एक धनवान व्यक्ति रहता था। वह बहुत बड़ा व्यवसायी था और उसके पास किसी भी वस्तु की कमी नहीं थी लेकिन फिर भी वह हमेशा चिंतित और बेचैन रहता था। एक दिन वह एक गाँव में ऋषि से मिलने उनके आश्रम गया।
एक जंगल में एक बाघ रहता था, उसका एक बच्चा भी था। दोनों एक साथ रहते थे। बाघ दिन में शिकार करने जंगल में चला जाता था, पर बच्चा अपनी मांद के आस पास ही रहता था। उस जंगल में एक गाय भी रहती थी।
एक छोटा लड़का अपने स्कूल की मैगजीन बेच रहा था और एक ऐसे घर पर पहुंचा जो बहुत पुराना और जर्जर था। इस घर में एक वृद्ध व्यक्ति रहता था जो न तो बाहर आता था और न ही पड़ोसियों से या आने-जाने वालों से कोई संबंध रखता था।
एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत पेरशान था। वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहता तो एक ही जवाब मिलता, ‘‘अभी मैं इतना छोटा हूं... धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा"।
एक दिन एक आदमी टैक्सी से एयरपोर्ट जा रहा था। टैक्सी वाला कुछ गुनगुनाते हुए बड़े इत्मीनान से गाड़ी चला रहा था कि अचानक एक दूसरी कार पार्किंग से निकल कर रोड पर आ गई। टैक्सी वाले ने तेजी से ब्रेक लगाई।
किसी गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण गरीब होते हुए भी सच्चा और इमानदार था। परमात्मा में आस्था रखने वाला था। वह रोज़ सवेरे उठ कर गंगा में नहाने जाया करता था। नहा धो कर पूजा पाठ किया करता था।
एक जाने-माने व्यक्ति ने अपने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी बात शुरू की। उसने सामने बैठे सैकड़ों लोगों से पूछा, "ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?" एक साथ कई हाथ उस नोट को लेने के लिए उठे।