बाल कहानी : रवि और उसकी मेहनत
एक छोटी से कालोनी में रवि नाम का एक होशियार लड़का रहता था। रवि पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे मेहनत करने में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं थी। वह हमेशा अपने दोस्तों से कहता,
एक छोटी से कालोनी में रवि नाम का एक होशियार लड़का रहता था। रवि पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन उसे मेहनत करने में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं थी। वह हमेशा अपने दोस्तों से कहता,
गांव के बीचो-बीच मोंटी नाम का एक शरारती लड़का रहता था। उसकी शरारतें इतनी मशहूर थीं कि लोग उसे देखते ही सतर्क हो जाते। एक दिन मोंटी को कबाड़ में एक अजीब-सा पुराना हेलमेट मिला।
पुराना साल बीत चुका था। नए वर्ष का प्रथम दिन था। विद्यालय में पहली घंटी अभी-अभी बज कर खामोश हुई थी। कक्षा में हर विद्यार्थी अपने-अपने सहपाठी से अपनी अनोखी बातें सुनाने को उत्सुक था।
एक गाँव में मीनू नाम की एक प्यारी सी लड़की रहती थी। वह बहुत होशियार थी, लेकिन कभी-कभी अपनी शरारतों में कुछ गलतियां कर बैठती थी। उसके माता-पिता, सुमन और राजेश, उसे बहुत प्यार करते थे।
एक गाँव में संतोष जी और उनकी धर्मपत्नी का परिवार रहता था। संतोष जी सरकारी बैंक में मैनेजर थे और उनकी पत्नी धार्मिक विचारों की थीं। उनके चार बेटे थे। संतोष जी ने हमेशा आधुनिक शिक्षा को प्राथमिकता दी और चाहते थे
गाँव के स्कूल में गणतंत्र दिवस (Republic Day) की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही थीं। बच्चे तिरंगे से सजे मंच पर अपनी प्रस्तुतियाँ देने के लिए उत्साहित थे। हर साल की तरह इस बार भी स्कूल में परेड, देशभक्ति गीत और नाटकों का आयोजन होना था।
ह कहानी सूरज नाम के एक लड़के की है जो एक छोटे से गाँव में रहता था। सूरज एक बहुत ही खुशमिजाज़ बच्चा था जिसे हँसना-हँसाना और मज़ाक करना बहुत पसंद था। वह अपने दोस्तों के साथ खेलने में बहुत समय बिताता था।