बाल कहानी : बोलने वाली मूर्ति का रहस्य बाल कहानी : बोलने वाली मूर्ति का रहस्य (Lotpot Kids Story): सुबह सुबह का समय था। और अभी बाबा के आश्रम में ज्यादा भीड़ नहीं थी। बाबा ऊँचे आसन पर माँ काली की By Lotpot 23 Mar 2020 | Updated On 23 Mar 2020 07:08 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी : बोलने वाली मूर्ति का रहस्य (Lotpot Kids Story): सुबह सुबह का समय था। और अभी बाबा के आश्रम में ज्यादा भीड़ नहीं थी। बाबा ऊँचे आसन पर माँ काली की मूर्ति के पास बैठे थे। उनके कुछ सेवक ढोलक चिमटे बजाते हुए भजन गा रहे थे। भजन गाने वाले खामोश हुए तो बाबा ने आँखें खोल कर भक्त जनों की तरफ देखा। सबसे पहले उनकी नजर दादी जी पर टिक गई। मेरे दादा जी बीमार थे। परेशान दादा जी की बजाय उनकी डाॅक्टरी इलाज करवाने के दादी जी बाबा के आश्रम में उनकी बीमारी के संबंध में विचार विमर्श करने पहुँच गई थी। और पढ़ें ये बाल कहानी : भोलू बंदर की चालाकी बाबा ने दादी जी को संकेत दिया तो वह हाथ जोड़कर उठ खड़ी हुई। उसी समय माँ काली के होंठ हिलने लगे। वह बोलने लगी। तुम्हारे पति का नाम दुर्गादास है। पहले तुम लोग उसका इलाज डाॅक्टर चैधरी से करवाते रहे हो। कुछ आराम न मिलने पर अब डाॅक्टर वर्मा से इलाज करवाया जा रहा है। तुम्हारे बेटे डाॅक्टर इलाज चालू रखना चाहते हैं पर तुम्हारा माँ काली पर अटूट विश्वास है। तुम विश्वास से इस आश्रम में पहुँच गई हो इसलिए तुम्हारे पति कोे कुछ नहीं होगा। उनका रोग डाॅक्टर दूर नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें कोई बीमारी है ही नहीं। उन पर प्रेत का साया है। प्रेत को भगा दिया जायेगा पर इसके लिए कुछ पैसा खर्च करना होगा। हुक्म कीजिये। मैं अपने पति के लिए सब कुछ न्योछावर कर सकती हूँ। दादी जी बोली। मूर्ति कहने लगी। मेरे भक्त बाबा को दस हजार रूपया दे दो। दुष्ट आत्मा को मार भगाने के लिए इतना खर्च आ ही जायेगा। मैं सकते में आ गया क्योंकि यह खुली ठगी थी। मूर्ति के बोलने के बावजूद मुझे उसकी असलियत पर कतई विश्वास नहीं था। मम्मी और डैडी के यथार्थवादी विचारों तथा स्कूल के वातावरण ने मेरे मन में अँधविश्वास को पनपने ही नहीं दिया था। उन दिनों गर्मियों की छुट्टियाँ थीं और मेरे डैडी मेरी इच्छा पर मुझे दादी दादा के पास गाँव छोड़ गये थे। मेरे एक ताऊ जी और तीन चाचा जी गाँव में ही रहकर ख्ेाती बाड़ी करते थे। मेरे डैडी ही घर में उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाये थे। शहर में एक सरकारी दफ्तर में अफसर के पद पर नियुक्त थे। और पढ़ें ये बाल कहानी : गलती का अहसास दस हजार रूपये की बात सुनकर दादी जी को कुछ उलझन हुई। इतने पैसे उस समय उनके पास नहीं थे। लेकिन सवाल दादा जी की जिन्दगी का था उन्होंने झट अपनी हाथों में कुछ सोने की चूड़ियाँ उतार कर बाबा के चरणों में भेंट कर दी। मैंने फुसफुसा कर उनकी इस कार्यवाही को विरोध किया तो उन्होनें घूर के मुझे देखा। दादी जी के साथ कमरे से बाहर निकलकर मैं आश्रम के बरामदे में पहुँचा तो चैंक पड़ा। वहीं बुढ़िया बाहर बैठे औरतों से बातचीत में व्यस्त थी, जिसने दादी जी से भीतर जाने से पहले हमदर्दी जताकर उनके आने का उद्देश्य जान लिया था। कहीं यह बुढ़िया बाबा की ऐजन्ट तो नहीं। मेरी आँखों के सामने बोलती हुई पत्थर की प्रतिमा घूम गई। फिर अचानक मुझे टेलीविजन पर देखी कुछ कार्टून फिल्मों की याद आ गई और मेरी आँखों में चमक आ गई। उसी दिन मैं गाँव की पुलिस चैकी में पहुँचा और थानाध्यक्ष से आश्रम के बाबा की ठगी की दुकानदारी के बारें में सन्देह व्यक्त किया। थानाध्यक्ष ने मेरी पीठ थपथपाते हुए कहा। मुझे भी उस बाबा पर सन्देह है। इसे संयोग ही समझो कि मैं आज ही उसके आश्रम पर छापा मारने का फैसला कर चुका हूँ। और पढ़ें ये भाग्य की खोज अगले दिन सुबह की सुबह गाँव में खबर फैल गई कि रात को पुलिस आश्रम के बाबा और सहयोगियों को पकड़ कर ले गई है। बोलने वाली मूर्ति की असलियत भी लोगों के सामने खुल चुकी थी। वह एक मामूली वैज्ञानिक करिश्मा था। चाभी के खिलौने की तरह मूर्ति में चाभी भर दी जाती और उसके होंठ हिलने लगते थे। मूर्ति के नीचे बाबा की एक सहयोगी महिला बैठी होती। इस महिला का ट्रांसमीटर द्वारा सीधा संबंध उस बुढ़िया से था, जो भक्तों से हमदर्दी जता कर सारी असलियत जान लेती। मूर्ति के नीचे छुपी महिला सारी बातचीत ट्रांसमीटर से सुन लेती। बाबा के कमरे में भक्तों को बारी बारी जाने दिया जाता था और इस तरह मूर्ति के नीचे छुपी महिला उस भक्त द्वारा बताई बातें ये दोहरा देती। पाखण्डी बाबा की वास्तविकता दादी जी को पता चली तो उन्हें सबसे पहले अपनी सोने की चूड़ियों की याद आई। उस दिन उन्होंने कसम खाई कि वह अब कभी अँधविश्वास का शिकार नहीं होंगी। मैं खुश था कि दादी जी अँधविश्वासों के कैद से आजाद हो गई हैं। #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article