बाल कहानी : काम का भूत

बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) काम का भूत- चिपकू हर समय अपनी माँ से चिपका रहता था। स्कूल से आते ही वह बस्ता फेंकता और माँ के कंधे पर सवार हो जाता। पहले तो अम्मा उसे बड़े लाड़ प्यार से कहानियाँ सुना सुनाकर खाना खिलाती थी लेकिन अब चिपकू और ज्यादा चिपकने लगा था। यहाँ तक कि अब वह बहाना बना कर घर बैठ जाता कहता मुझे स्कूल जाने से डर लगता है। मेरे साथ स्कूल चलो।

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बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) काम का भूत

बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) काम का भूत- चिपकू हर समय अपनी माँ से चिपका रहता था। स्कूल से आते ही वह बस्ता फेंकता और माँ के कंधे पर सवार हो जाता। पहले तो अम्मा उसे बड़े लाड़ प्यार से कहानियाँ सुना सुनाकर खाना खिलाती थी लेकिन अब चिपकू और ज्यादा चिपकने लगा था। यहाँ तक कि अब वह बहाना बना कर घर बैठ जाता कहता मुझे स्कूल जाने से डर लगता है। मेरे साथ स्कूल चलो।

अम्मा ने उससे तंग आकर दो थप्पड़ लगा दिये। अब तो चिपकू ने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया। चिपकू की माँ गुस्से से उसे स्कूल ले गई और उसके मास्टर जी से बोली, यह तो हर समय मुझसे चिपका रहता है इससे छुटकारा दिलाईये।

मास्टर रमा नाथ बहुत समझदार थे। ऐसे बच्चों की उन्हें रोज शिकायतें मिलती थीं। उन्होंने चिपकू को पास बिठाया और बोले, ‘अम्मा से क्यों चिपकते हो?

चिपकू बोला, बंटी कहता है पीपल के पेड़ का भूत सारे बच्चों को पकड़ता है। मैं जब घर जाता हूँ तो पीपल से मुझे डर लगता है। जाने कैसे मेरे बस्ते में रोज पीपल का पत्ता आ जाता है। बंटी कहता है जिसके बस्ते में पीपल का पत्ता हो उसे भूत ले जाएंगे.... भू.... भू कहकर उसने फिर बस्ते से पीपल का पत्ता निकाला और मास्टर जी से चिपक गया।

बंटी ने बताया 

बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) काम का भूत

मास्टर रमा नाथ बंटी को अच्छी तरह से जानते थे। चिपकू भी पढ़ने लिखने मे होशियार था लेकिन बंटी ने उसे इतना डरा दिया था कि अब उसे हर समय यही लगता कोई उसका पीछा कर रहा है कोई उसे पकड़ लेगा। मास्टर जी ने चिपकू को प्यार से पास बिठाया और पूछा, तुम्हें डर क्यों लगता है?

क्योंकि मैं भूत से डरता हूँ।

बंटी भी तो भूत से डरता है हाँ हाँ

तो आज भूत उस पर आएगा- क्योंकि यह भूत जो पीपल का भूत है बारी बारी आता है। तुम ऐसा करो आज यह पीपल का पत्ता चुपके से उसके बस्ते में डाल देना फिर देखना तमाशा।

चिपकू ने वही किया। दोनों जब घर जा रहे थे। रास्ते में पीपल के पेड़ के पास पहुँचते ही चिपकू चिल्लाया बंटी तेरे बस्ते में पीपल का पत्ता भूत.... भूत! और चिपकू भागा बंटी हँसता हुआ आ रहा था कि सहसा उसकी कमीज एक काँटों भरे झाड़ से अटक गई। सचमुच भूत तो नहीं...? बंटी ने देखा चिपकू भी भाग रहा है। इधर उसकी अम्मा ने भी बार बार कह रखा था, औरों को डराता है देखना एक दिन ऐसा भूत चढ़ेगा कि तू खुद रोयगा। बंटी घबरा गया उसने चिपकू को आवाज लगाई ‘‘चिपकू बचाओं भूत से बचाओ’’ चिपकू लौटा। उसने उसकी कमीज झाड़ झँखाड़ से अलग कर दी। कंटीली झाड़ी के काँटों से उसे बड़ी खरोंच आ चुकी थी।

उसने मन में ठान लिया

बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) काम का भूत

बंटी को यूँ हाँफते देखकर चिपकू मन ही मन बहुत खुश हुआ। मुँह बनाते हुए बोला, ओह कितना भयानक भूत था। कितने बड़े नाखून देखो तो मेरे हाथ को भी खरोंच आ गई। पर बंटी वहाँ से छूटते ही एकदम बेतहाशा भाग खड़ा हुआ उसे भागते देख कर चिपकू को बहुत मजा आया। उसे लगा वाह ऐसे तो बहुत लड़कों को डरा कर बूद्धू बनाया जा सकता है न। अब उसने मन में ठान लिया वह भी रोज किसी ने किसी को अवश्य मूर्ख बनाएगा। मास्टर जी को जाकर उसने बंटी का पूरा किस्सा सुनाते हुए कहा।

अब मैं बंटी के भाई संजू को भी भूत से डराऊँगा हाँ.....।

ना ना ऐसे मत करना।

मास्टर जी एकदम बोले।

क्यों भई....? चिपकू ने हैरान होकर पूछा

मास्टर जी ने तब उसे समझाया औरों को डराने का भी एक भूत होता है, जो हम पर सवार हो जाता है फिर हम तो औरों को डरा रहे होते हैं और वह भूत हम पर सवार हो जाता है हमें पता ही नहीं चलता।

अब बंटी पर काम का भूत सवार

चिपकू ने मास्टर जी की बात पर गौर किया। सचमुच पहले यह भूत बंटी पर सवार था। अब उस पर दूसरा भूत जा पहुँचा। यह भूत मुझ पर आ सवार हुआ। धीरे धीरे वह अपने आप पर ही गौर करने लगा। फिर उसने बंटी से सलाह की दोनों अब औरों को डराने की जगह काम में मन लगाने लगे थे। मास्टर जी ने उन्हें समझाया था जिस पर काम का भूत सवार हो जाये वहाँ और कोई भूत आ ही नहीं सकता। और काम का भूत जिस पर सवार हो जाये उनकी किस्मत चमक जाती है।

मास्टर जी ने देखा था चिपकू बंटी पर अब काम का भूत सवार था। और दूसरों को भूत से डराने की बात उनके मस्तिष्क से निकल चुकी थी। अब दोनों के परीक्षा में अच्छे नम्बर आने लगे तो मास्टर जी बोले, देखा अब तुम्हारी किस्मत चमकने लगी हैं।

चिपकू बंटी दोनों की हँसी छूट गई। कक्षा के अन्य बच्चे भी मास्टर जी से कहने लगे, किस्मत पर कौन सा पाॅलिश लगायेें मास्टर जी... ताकि वह चमक उठे....?

मास्टर जी हँस कर बोले, ‘‘ किस्मत चमकानी हो तो यहाँ वहाँ की बातों से मन हटाकर खूब काम करों। जब तुम पर काम का भूत सवार हो जाएगा। तो तुम्हारी किस्मत चमक जाएगी। इसी भूत के पास वह पाॅलिश होती है।

बस अब चिपकू बंटी की कक्षा से बाकी सारे भूत तो भागने लगे, काम का भूत ही सब पर सवार होने लगा मास्टर रमा नाथ की भी किस्मत चमक उठी थी। क्योंकि बिगड़े हुए छात्र भी अब दिन रात काम में लगे रहते थे।

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