बाल कहानी : बहन का फर्ज जंगल में सभी छोटे जानवर कालू गीदड़ से बहुत डरते थे। कालू बहुत ही मक्कार और धोखेबाज था। वह छोटे जानवरों को जहाँ कहीं भी अकेला पाता। उन्हें पकड़कर खा जाता था। एक रोज छोटू खरगोश अपने दो छोटे बच्चों के साथ तालाब के किनारे हरी-हरी घास चर रहा था। तभी वहाँ घूमता हुआ कालू गीदड़ आ पहुँचा और वह छोटू को अपने दोनों बच्चों के साथ घास चरते देखकर बोल उठा। छोटू आज तो मैं तुम्हारे इन दोनों बच्चों को खा कर अपनी भूख मिटाऊँगा। दिन भर का भूखा हूँ। By Lotpot 17 Mar 2020 | Updated On 17 Mar 2020 10:46 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी -बहन का फर्ज (Lotpot Kids Stories) : जंगल में सभी छोटे जानवर कालू गीदड़ से बहुत डरते थे। कालू बहुत ही मक्कार और धोखेबाज था। वह छोटे जानवरों को जहाँ कहीं भी अकेला पाता। उन्हें पकड़कर खा जाता था। एक रोज छोटू खरगोश अपने दो छोटे बच्चों के साथ तालाब के किनारे हरी-हरी घास चर रहा था। तभी वहाँ घूमता हुआ कालू गीदड़ आ पहुँचा और वह छोटू को अपने दोनों बच्चों के साथ घास चरते देखकर बोल उठा। छोटू आज तो मैं तुम्हारे इन दोनों बच्चों को खा कर अपनी भूख मिटाऊँगा। दिन भर का भूखा हूँ। अगर तुमने मेरे बच्चों को हाथ लगाया तो मुझ से बुरा और कोई न होगा। छोटू ने कहा। चल-चल तू मेरा क्या बिगाड़ लेगा। मैं तुम्हें देख लूँगा। इतना कहकर कालू ने दोनों बच्चों को दौड़कर पकड़ लिया। यह देखकर छोटू, कालू पर टूट पड़ा। काफी देर वह कालू से लड़ता रहा। मगर कालू ने अपने नाखूनों से छोटू को बुरी तरह घायल करके उसके दोनों बच्चों को मुँह में दबाकर ले गया। छोटू ने जब बच्चों को ले जाते देखा तो वह जोर जोर से रोने लगा। उसी समय तालाब पर पानी पीने जूली हिरनी आई, उसने छोटू को रोते देखकर पूछ लिया, छोटू तुम रो क्यों रहे हो, और तुम्हारा यह हाल किसने बनाया है? और पढ़ें : बाल कहानी - अक्ल बड़ी या भैंस जूली दीदी कालू इधर आया था वह मेरे दोनों बच्चों को उठा ले गया और उसी ने मेरा यह हाल बनाया है। तुम मेरी रक्षा करो बहन वर्ना मेरी पत्नी नीलू मुझे घर में नहीं रहने देगी। तुमने मुझे बहन कहा है, मैं तुम्हारी मदद जरूर करूँगी भाई, मैं अभी उस दुष्ट को मारकर, तुम्हारे दोनों बच्चों को लेकर आती हूँ। यह बता दो वह दुष्ट किधर गया है? सामने, मैदान की तरफ। छोटू ने कहा। छोटू की बात सुनकर जूली सरपट मैदान की ओर दौड़ पड़ी। तभी जूली ने देखा कालू छोटू के दोनों बच्चों को लेकर अपने घर की ओर भागा जा रहा है। जूली तेज दौड़कर कालू के पास जा पहुँची और तुरन्त उसने अपने सींग से ऐसा वार किया, सीधा सींग कालू के पेट को चीरता हुआ आर पार हो गया। कालू दर्द से छटपटा कर वहीं जमीन पर गिर पड़ा। उसका पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया। जमीन पर गिरते ही कालू का मुँह खुल गया। और छोटू के दोनों बच्चे बाहर आ गए। जूली जल्दी बोली बच्चों मैं नीचे बैठ जाती हँू तुम दोनों मेरी पीठ पर बैठ जाओ। मैं तुम दोनों का तुम्हारे पिता तक पहुँचा दूँगी। इतना कहकर जूली जमीन पर बैठ गई। और छोटू के दोनों बच्चे जूली की पीठ पर चढ़कर बैठ गए। और पढ़ें : बाल कहानी - बुद्धिमान व्यापारी की समझदारी कुछ देर तक कालू जमीन पर छटपटाता रहा। फिर मर गया। जूली दोनों बच्चों कोे लेकर वापस तालाब पर लौट आई और उन्हें छोटू को सौंपती हुई बोली, तुम इन्हें लेकर घर जाओ छोटू भाई। उस दुष्ट कालू को मैंने हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया। अब कालू किसी भी छोटे जानवर को मार कर नहीं खाएगा। अगले दिन जब सभी छोटे जानवरों को कालू की मौत की खबर मिली तो सभी ने मिलकर जूली को बहुत बहुत धन्यवाद और बधाई दी। छोटू ने कहा जूली बहन मैं तुम्हारे एहसान का बदला जरूर चुकाकर रहूँगा। आज से हम दोनों भाई-बहन की तरह मिल जुलकर रहेंगे और मैं इस रिश्ते को जीवन भर निभाऊँगा। Like Our Facebook Page #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article