बाल कहानी : भोलू बंदर की चालाकी बाल कहानी : भोलू बंदर की चालाकी (Lotpot Kids Story) शान्ति वन का राजा गब्बर सिंह दुष्ट प्रकृति का था। वह छोटे जानवरों के मांस को संसार का सर्वश्रेष्ठ भोजन समझता था, इसलिए वह रोज दो-चार छोटे जानवरों को मार कर खा जाया करता था। उसी जंगल में एक बुद्धिमान चतुर और दयालू बंदर था। जंगल के सभी जानवर उसे भोलू बंदर के नाम से पुकारते थे। छोटे जानवरों की घटती संख्या को देखकर उसे चिन्ता हुई। वह दुष्ट राजा गब्बर सिंह से जानवरों को छुटकारा दिलाने का उपाय सोचने लगा। कुछ देर सोचने के बाद उपाय सूझते ही उछल पड़ा और रात होने का इंतजार करने लगा। By Lotpot 17 Mar 2020 | Updated On 17 Mar 2020 12:21 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी : भोलू बंदर की चालाकी (Lotpot Kids Story) शान्ति वन का राजा गब्बर सिंह दुष्ट प्रकृति का था। वह छोटे जानवरों के मांस को संसार का सर्वश्रेष्ठ भोजन समझता था, इसलिए वह रोज दो-चार छोटे जानवरों को मार कर खा जाया करता था। उसी जंगल में एक बुद्धिमान चतुर और दयालू बंदर था। जंगल के सभी जानवर उसे भोलू बंदर के नाम से पुकारते थे। छोटे जानवरों की घटती संख्या को देखकर उसे चिन्ता हुई। वह दुष्ट राजा गब्बर सिंह से जानवरों को छुटकारा दिलाने का उपाय सोचने लगा। कुछ देर सोचने के बाद उपाय सूझते ही उछल पड़ा और रात होने का इंतजार करने लगा। इधर रात होते ही गब्बर सिंह शिकार की खोज में निकल पड़ा। चाँदनी रात थी। गब्बर सिंह अभी कुछ ही दूर गया, उसकी नजर उस बंदर पर जा रूकी, जो एक कुएं के पास खड़ा कुएं से कुछ निकालने की कोशिश कर रहा था। गब्बर सिंह को उस बन्दर की हरकतों पर आश्चर्य हुआ। उसके करीब पहुँचकर वह ऊँची आवाज में बोला। ऐ नादान बंदर यह क्या कर रहे हो। जी.... जी..... कुछ नहीं महाराज। बंदर ने घबराते हुए जवाब दिया। कुछ नहीं...। गब्बर सिंह ने देखते हुए फिर पूछा। तुम कुएं से कुछ निकालने की कोशिश कर रहे हो, और कहते हो कि कुछ नहीं। सच सच बता, वर्ना तुम्हें जिन्दा नहीं छोडूँगा। और ये पढ़ें : बाल कहानी बहन का फर्ज बंदर ने घबराते हुए जवाब दिया। बात यह है कि पड़ोसी जंगल के वैज्ञानिकों के अनुसार संसार का सबसे स्वादिष्ट भोजन चाँद है। उस जंगल का राजा इस स्वादिष्ट भोजन के पाने की चेष्टा में है। मैंने सोचा क्यों न मैं ही इसे चखूँ। इसलिए मैंने आकाश में तीन छलांगे लगाई। तीसरी छलांग में चाँद मेरे हाथ में आ गया। पर वह इतना चिकना था। कि हाथ से फिसल कर इस कुएं में गिर गया। मैं उसी को निकाल रहा था। बंदर की बातें सुनकर गब्बर सिंह ने आश्चर्य से कुएं में झांका और फिर आकाश की तरफ देखा तथा घूरते हुए बंदर की तरफ देखकर गरजा ‘‘तुम मुझे बेवकूफ बना रहे हो। अगर कुएं में चाँद है तो आकाश में क्या है.....? आकाश की ओर इशारा करते हुए बन्दर ने कहा महाराज। आकाश का चाँद नकली है। मैंने उसे इसलिए लगाया है कि कोई मेरी चोरी न पकड़ ले। बंदर की इन बातों ने गब्बर सिंह को प्रभावित किया। वह मुस्कुरा कर बोला। ऐ... बंदर तुम बहुत बुद्धिमान हो। मैं तुम्हें अपना महामंत्री बनाऊँगा। अच्छा देर न कर जल्दी निकाल। मुझे बड़ी जोर की भूख लगी है। बंदर ने दो तीन बार कोशिश की और फिर बोला। महाराज चाँद बाल्टी में नहीं आ रहा है। फिर वह एकाएक चैंक कर बोला। महाराज शायद कोई आ रहा है। गब्बर सिंह के कान खड़े हो गए झाड़ियों की खरखराहट से। और ये पढ़ें : बुद्धिमान व्यापारी की समझदारी बंदर फिर तुरन्त बोला। महाराज यदि चोरी पकड़ी गई तो बहुत बदनामी होगी आपकी, गब्बर सिंह ने तुरन्त पूछा फिर क्या किया जाए? सिर्फ एक ही उपाय है महाराज। आप इस कुएं में घुसकर स्वादिष्ट भोजन का भोग करें और मैं किसी पेड़ पर छुप जाता हूँ, जैसे ही खतरा टल जाएगा। मैं आपको बाहर निकाल लूँगा। जल्दी कीजिए महाराज कोई एकदम करीब आ पहुँचे। बंदर कहते हुए एक पेड़ पर चढ़ गया। गब्बर सिंह को कुछ न सूझा और उसने कुएं में छलांग लगा दी। उसके छलांग लगाते ही पास की झाड़ियों में छुपे छोटे जानवर बाहर निकल कर खुशी से चिल्ला उठे भोलू बंदर की जय भोलू बंदर की जय। दोस्तों हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि यदि आप बुद्धिमान हैं तो आप बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना बड़ी आसानी से कर सकते हैं। Like Our Facebook Page #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article