बाल कहानी : उत्तराधिकारी का चुनाव उत्तराधिकारी का चुनाव- एक महर्षि थे। जाह्नवी के तट पर उनका आश्रम था। आश्रम में वह अकेले रहते थे। उनकी ख्याति चारों ओर फैली हुई थी। राजा वीरसेन उनका खूब आदर करते थे और बीच-बीच में वह स्वयं उनके दर्शन के लिए आ जाते। By Lotpot 15 Apr 2020 | Updated On 15 Apr 2020 11:41 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी (Hindi Kids Stories) : उत्तराधिकारी का चुनाव-एक महर्षि थे। जाह्नवी के तट पर उनका आश्रम था। आश्रम में वह अकेले रहते थे। उनकी ख्याति चारों ओर फैली हुई थी। राजा वीरसेन उनका खूब आदर करते थे और बीच-बीच में वह स्वयं उनके दर्शन के लिए आ जाते। सुबह का समय था। अचानक एक दिन तीन भाई महर्षि के आश्रम में आए। उन्होंने दण्डवत महर्षि को प्रणाम किया। महर्षि ने उनसे पूछा, भाई, आप कौन हो। महाराज, हम राजा वीर सेन के पुत्र हैं। एक युवक बोला, पिताजी ने हमें आपके पास भेजा है। आप हमारी परीक्षा लेकर यह बताइए कि पिताजी के बाद हममें से कौन उनका उत्तराधिकारी बनने के योग्य हैं? महर्षि एक क्षण मौन रहे। फिर बोले, अच्छी बात है इसके लिए तुम लोग कुछ दिन आश्रम में रहो। आश्रम में तीनों के अलग-अलग रहने की व्यवस्था महर्षि ने कर दी। खाने के लिए उन्हें सिर्फ एक ही बार दोपहर में दो सेब दिए जाते। रोज का यही नियम था। एक सप्ताह बाद महर्षि ने तीनों को बुलाकर कहा, चाहो तो अब तुम सब वापस जा सकते हो। लेकिन आपने उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं किया। बड़ा राजकुमार दिलीप बोला। और पढ़ें : बाल कहानी : निराले संगीतकार चुनाव मैंने कर लिया है। महर्षि ने सबसे छोटे राजकुमार समीर की ओर संकेत कर कहा, उत्तराधिकारी के योग्य केवल वही है। कैसे? मझले राजकुमार विनय ने जिरह की, ‘अभी तक आपने हमारी परीक्षा भी नहीं ली है और निर्णय सुना दिया। महर्षि मुस्कराए, परीक्षा लेकर ही मैंनेे अपना निर्णय दिया है। आप ने कब परीक्षा ली? किस आधार पर आपने ऐसा निर्णय दिया, हम लोग कुछ समझे नहीं। दिलीप और विनय ने एक साथ कहा। महर्षि ने तब तीनों से पूछा, खाने के लिए तुम्हें रोज कितने सेब दिए जाते थे? सिर्फ दो सेब। तीनों बोले। दिलीप पहले तुम्हीं बताओ उन दोनों सेब का तुम क्या करते थे? दोपहर तक मुझे जोर से भूख लग जाती थी। मैं दोनों सेब खा जाता था वैसे एक भूखा बालक रोज सेब खाने के समय न जाने कहाँ से आ पहुँचता। मैं उसे डांटकर भगा देता था। भला दो सेब से जब मेरी ही भूख नहीं मिटती थी तो मैं उसे कैसे देता? बड़े भाई दिलीप ने जवाब दिया अब तुम कहो विनय? महर्षि ने उसकी ओर नजर दौड़ाई। और पढ़ें : बाल कहानी : आकाश महल विनय बोला, एक भूखा बालक तो ठीक सेब खाने के वक्त मेेरे पास भी रोज आ जाता था। उसे देखकर मुझे उस पर दया आ जाती थी। फिर मैं स्वयं भूखा रहकर दोनों सेब उसी बालक को खाने को दे देता था। सच पूछिए तो मैं आज एक सप्ताह से बिल्कुल भूखा हूँ। अन्त में महर्षि ने छोटे राजकुमार समीर से भी वही सवाल किया। समीर ने जवाब दिया, सेब खाने के समय एक भूखा बालक तो मेरे पास भी प्रतिदिन आता था। मैं उस बालक को आदर से बिठाता फिर स्नेह पूर्वक एक सेब उसे खाने को देता और एक सेब मैं स्वयं खाता था। तीनों राजकुमारों की बातें सुनकर महर्षि ने कहा, दिलीप तुम अकेले दोनों सेब खा जाते थे। भूखे बालक को डांटकर भगा देते थे। तुम निष्ठुर और स्वार्थी हो। जब तुम एक बालक को खुश नहीं रख सके तो राज्य की सारी जनता को कैसे खुश रखोगे? एक योग्य शासक में जो गुण होना चाहिए, वह तुम में जरा भी नहीं हैं। लेकिन मैंने तो दोनों सेब उस बालक को ही दे दिए, खुद भूखा रहा। बीच में मंझला राजकुमार विनय बोला। और पढ़ें : बाल कहानी : चमगादड़ को सबक खुद भूखे रहकर दूसरे को खिलाना निःसदेंह एक बड़ा त्याग है। तुम त्यागी हो। यह गुण ऋषि-मुनियों और देवताओं में पाया जाता है। शासक यदि प्रजा के लिए भूखा रहे तो शारीरिक रूप से वह कमजोर हो जाएगा। फिर वह विरोधियों के चंगुल में फंसकर वह अपनी और न प्रजा का ही हित कर सकेगा। सबकी सुख शांति खो देगा। अतः तुम सफल साधक हो सकते हो, ज्ञानी बन सकते हो, शासक नहीं। इतना कहकर महर्षि थोड़ी देर चुप रहे। फिर दिलीप और विनय को अपनी ओर आकृष्ट कर बोले, और समीर का स्वभाव तुम लोगों से बिल्कुल अलग है। उसने एक सेब खुद खाया तो दूसरा सेब बालक को भी दिया। वह दूसरे और अपने को बराबर समझता है। वह न्यायी है। एक सफल शासक में न्याय माना जाता है। हर प्रजा न्यायी राजा को पसन्द करती है। इसी से मैंने स्वार्थी त्यागी और न्यायी में से योग्य उत्तराधिकारी के रूप में न्याय का चुनाव किया है। महर्षि की तर्क पूर्ण बात सुनकर दिलीप और विनय निरूत्तर हो गये। Like our Facebook Page : Lotpot #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article