Stories Moral Story: ईर्ष्या का फल गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल फिर से खुल गये थे। राम जो कि अपनी कक्षा में हमेशा सर्व प्रथम आता था। हर साल की तरह इस बार भी सर्व प्रथम आकर अगली कक्षा में चला गया था। By Lotpot 18 Dec 2023
Stories Moral Story: सूझबूझ किसी गांव में एक किसान रहता था, उसकी एक सुन्दर बेटी थी। दुर्भाग्यवश, गांव के जमींदार से उसने बहुत सारा धन उधार लिया हुआ था। जमींदार बूढ़ा था। किसान की सुदंर बेटी को देखकर उसे उसके साथ विवाह करने की इच्छा हुई। By Lotpot 26 Nov 2023
Stories Moral Story: विकल्प एक धनी व्यक्ति का बटुआ बाजार में गिर गया। बटुए में जरूरी कागजों के अलावा कई हज़ार रूपये भी थे। वह मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि बटुआ मिल जाए तो प्रसाद चढ़ाऊंगा, गरीबों को भोजन कराऊंगा आदि। By Lotpot 15 Dec 2023
Stories Moral Story: चित्रकार की सीख एक युवा कलाकार बहुत कम समय में ही प्रख्यात हो गया। उसे अपनी कला पर पूरा विश्वास था। लेकिन उसके मन में प्रसिद्ध कलाकार माइकल एंजेलो के प्रति ईष्र्या घर कर गई। वह उन्हे किसी न किसी तरह नीचा दिखाने की सोचने लगा। By Lotpot 14 Dec 2023
Stories Moral Story: लालसा एक फकीर ने एक सम्राट के द्वार पर दस्तक दी। सुबह का वक्त था और सम्राट बगीचे में घूमने निकला था। संयोग की बात थी कि सामने ही सम्राट मिल गया। फकीर ने अपना पात्र उसके सामने कर दिया। सम्राट ने कहा, ‘क्या चाहते हो?’ By Lotpot 06 Dec 2023
Stories Moral Story: मनीप्लांट की चोरी पप्पी के घर में एक बड़ी फूलों की बाड़ी थी। बाड़ी में तरह तरह के रंग बिरंगे फूलों के अनेक पौधे लगे थे। गुलाब, चम्पा, चमेली, रात की रानी के फूलों की खुशबू से उनका सारा घर महकता रहता था। By Lotpot 12 Dec 2023
Stories Moral Story: किस्सा नसीरूद्दीन का एक बार ईरान के शाह ने नसीरूद्दीन को भारत का राजदूत नियुक्त कर, भारत जाने को कहा। इस खबर से नसीरूद्दीन से ईष्र्या रखने वाले दरबारी जल उठे, उन सबने सोचा, जैसे भी हो नसीरूद्दीन को नीचा दिखाना है। By Lotpot 11 Dec 2023
Stories Moral Story: सम्मान के चक्कर में एक था गधा, उसका नाम झब्बू था। वह सुबह-सुबह गन्दे कपड़ों का ढ़ेर पीठ पर लादकर नदी के घाट पर पहुँच जाता। दिन भर वह नदी किनारे घास चरता था फिर नदी के जल में ही अपना रूप निहारा करता। By Lotpot 10 Dec 2023
Stories Moral Story: अदभुत आंनद एक संत को अपना भव्य आश्रम बनाने के लिए धन की जरूरत पड़ी। वह अपने शिष्य को साथ लेकर धन जुटाने के लिए लोगों के पास गए। घूमते-घूमते वह सूफी संत राबिया की कुटिया में पहुँचे। By Lotpot 08 Dec 2023