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बाल कहानी - सिंड्रेला की कहानी - एक वक्त की बात है, एक बहुत ही दुखी लड़की थी। उसकी मां बचपन में ही मर गई थी और उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी, जो बेवा थी और जिनके दो बेटियां भी थी। उसकी जो सौतेली मां थी वो उसे बिल्कुल प्यार नहीं करती थी। उसकी सारी चीजें, अच्छी बातें, अच्छी सोच प्यार सब अपनी बेटियों के लिए था। सिर्फ प्यार या अपनापन नहीं बल्कि कपड़े, जूते, अच्छा खाना, आरामदायक गद्दे और हर वो चीज जो आरामदायक हो। लेकिन उस बेचारी लड़की के लिए कुछ भी नहीं है। किसी भी तरीके का आराम नहीं है, बस सारा दिन काम ही काम। बस शाम होने से ही उसे कुछ देर के लिए आग के सामने बैठने का मौका मिलता है। इसलिए इसका घर का नाम सिंड्रेला रखा गया। सिंड्रेला अपना ज्यादातर समय अपनी बिल्ली से बातें करते हुए बिता देती है। म्आऊं ने कहा कि, सिंड्रेला खुद सिंडर जैसी थोडी धुंधली सी ड्रेस पहनती है, लेकिन फिर भी बहुत खूबसूरत दिखती है और उसकी बहनें जितनी भी चमकीले और सुंदर कपड़े पहने वे बदसूरत ही लगती हैं हमेशा। एक दिन घर में नए कपड़े आए, दोनो बहने उन्हें पहनकर देखने लगी लेकिन सिंड्रेला की इतनी भी हिम्मत नहीं हुई कि वो पूछ ले कि इसमें से उसका क्या है?
दरअसल, उसे पता था कि जवाब क्या होगा। तभी उसकी सौतेली मां ने कहा कि, तुम घर पर रहकर सारा काम करोगी और अपनी बहनों के कपड़े साफ, बरतन धोना पोछा लगाना घर की सफाई सब करोगी। तभी रसोई घर में एक परी आई और उसने सिंड्रेला से कहा कि, तुम बिल्कुल चिंता मत करो, तुम उस पार्टी में जाना चाहती हो, तुम जरूर जाओगी। सिंड्रेला ने पूछा कि मैं ऐसे कपड़ों में पार्टी में कैसे जाऊंगी, तभी परी ने अपनी जादूई छड़ी घुमाई और तुंरत सिंड्रेला के पास सबसे सुंदर ड्रेस आ गई। अब पार्टी में जाने के लिए एक सवारी चाहिए होगी, खास लड़कियां पैदल पार्टीज में नहीं जाती हैं।
तभी एक कद्दू वहां आ गया और परी ने बिल्ली से सात जीते जागते चुहे लाने को कहा। बिल्ली चूहे लेकर मौजूद हो गई। सिंड्रेला को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ, परी ने कद्दू को कोच और छह चूहों को सफेद घोड़ा बना दिया और सातवें को सारथी बना दिया, उसने चकाचक कपड़े पहन रखे थे और हाथ में छड़ी थी। परी ने सिंड्रेला से कहा कि, ये सारथी उसे कोच तक ले जाएगा। जहां वह हैंडसम राजा उसका इंतजार कर रहा है और सिंड्रेला की खूबसूरती देखकर मुग्ध हो जाएगा। लेकिन साथ में चेतावनी भी दी कि उसे देर रात से पहले वापस आना है।
जब सिंड्रेला बाल रूम में आईं तो सब उसकी खूबसूरती देखकर मंत्र मुग्ध हो गए। पार्टी में मौजूद लोग एक दूसरे से इस खूबसूरत लड़की की पहचान जानने के लिए उत्सुक हो गए। सिंड्रेला की सौतेली बहने भी बड़ी ही उत्सुक हो गईं। किसी को भी अंदाजा नहीं था कि वो सिंड्रेला हो सकती हैं। जब प्रिंस की नजर सिंड्रेला पर पड़ी तो वे हक्के बक्के रह गए। वे सिंड्रेला की ओर बढ़े और उन्हें डांस का आॅफर दिया। उस रात वे बस सिंड्रेला के साथ ही डांस करते रहे। उन्होंने पूछा कौन हो तुम खूबसूरत बाला ? वे बार बार एक ही सवाल पूछते रहे लेकिन सिंड्रेला ने एक ही जवाब दिया मैं कौन हूं इससे तुम्हे कोई मतलब नहीं है, तुम मुझे आज के बाद कभी नहीं देख पाओगे। लेकिन मुझे यकीन है मैं तुमसे दोबारा जरूर मिलूंगा। सिंड्रेला ने पार्टी में बहुत अच्छा समय व्यतीत किया। लेकिन अचानक उसे घड़ी की आवाज सुनाई दी और उसे निकलना पड़ा। प्रिंस को अलविदा कहे बगैर ही वहां से निकल गई। जैसै ही वो भागने लगी उसकी एक जूती वहीं गिर गई। सिंड्रेला एक भी पल वहां अपनी जूती उठाने के लिए नहीं रूकी।
प्रिंस को सिंड्रेला से प्यार हो गया था। उन्होंने अपने मंत्रियों से इस जूती की हकदार को ढूंढने का आदेश दिया। मंत्री पागलों की तरह इस जूती की मलिका को ढूंढने लगे। वे सभी लड़कियों के पैर पर उस जूती को फिट करके देखने लगे। मंत्री आश्चर्य में पड़ गए जब उन लोगों ने देखा कि वो जूती सिंड्रेला के पैर पर बिल्कुल फिट बैठ रही है। सिंड्रेला की सौतेली मां ने कहा कि, सिंड्रेला उस बाल में मौजूद ही नहीं थी। प्रिंस तो मेरी दोनों बेटियों में से एक से शादी करने वाले थें। सिंड्रेला तो बहुत गंदी हैं।
तभी सिंड्रेला अपने उसी खूबसूरत अंदाज में सबके सामने आ गईं। वहां मौजूद सभी लोग चैंक गए। मंत्री ने सिंड्रेला का हाथ थामा और कहा, प्रिंस अपने हाथों में सगाई की अंगूठी लिए आपका इंतजार कर रहे हैं। सिंड्रेला उनके साथ राजमहल की ओर बालरूम गईं। पिं्रस ने सिंड्रेला से शादी कर ली और वह खुश रहने लगे।
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